मौसम अलर्ट : 'ताउते' के बाद अब 'यास' तूफान कहर, गोरखपुर सहित पूरे पूर्वांचल में यास का दिखेगा असर गोरखपुर
मौसम अलर्ट : 'ताउते' के बाद अब 'यास' तूफान कहर, गोरखपुर सहित पूरे पूर्वांचल में यास का दिखेगा असर
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गोरखपुर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवाती यास का असर 28 मई से पहले बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिखेगा। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका असर वाराणसी व आसपास के जिलों के साथ ही गोरखपुर, प्रयागराज व लखनऊ तक देखा जा सकता है। जैसे-जैसे यास तूफान पश्चिम की ओर बढ़ेगा इसका असर कम होता जाएगा। जिसके कारण जिस क्षेत्र में हवा का दबाव कम होगा। वहां तेज बारिश भी हो सकती है।
जिले में ताउते तूफान से दो दिनों तक बारिश और आंधी से चारों तरफ पेड गिरने और बारिश से आवागमन बाधित कर रखा था अब उससे भी ज्यादा खतरनाक रूप में आ रहा है यास चक्रवात। जिले का मौसम 28 मई से पहले मौसम खराब होने की संभावना है और अगले तीन से चार दिनों तक झमाझम बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि घरों से बाहर ना निकले आकाशी बिजली गिर सकती है। इस तूफान का असर जिले मे 28 मई से पहले देखने को मिल सकता है। उसी दिन से मौसम खराब होने की संभावना है और अगले तीन से चार दिनों तक तेज हवा के साथ बारिश की संभावना है।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार गोरखपुर से जारी मौसम पूर्वानुमान गोरखपुर, पूर्वांचल, लखनऊ, प्रयागराज तक होगा यास चक्रवात का असर।
यास तूफान को देखते हुये पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार गोरखपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर नितीश पाण्डेय ने बताया कि गोरखपुर जिला भी यास तूफान के प्रभाव में आ सकता है। तूफान के कारण तेज वर्षा होने की संभावना है। आगामी दिनों में अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ एस.के. तोमर ने बताया कि ग्रामीण कृषि मौसम सेवा द्वारा संचालित परियोजना के अंतर्गत जिले में मौसम पूर्वानुमान एवं कृषि सलाह प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को पूरे जनपद के किसानों को दिया जा रहा है। जिससे जिले के किसान एवं आम जनमानस को लाभ मिल रहा है लगभग 90 से 95% मौसम पूर्वानुमान सही साबित हो रहा है। जिससे जिले के किसान भाईयो को अपनी फसल अपने पशुओं को एवं अपने अन्य खेती बारी की रणनीति बनाने में आसानी हो रही है और लाभ भी मिल रहा है। डॉ तोमर ने बताया कि यास तूफान की संभावना को देखते हुए किसान भाई अपनी खेती बारी का कार्य जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार करें एवं सतर्क रहें। जब मौसम खराब हो उस समय अपने घरों में रहे और मौसम सही होने पर अपने खरीफ फसल की तैयारी में जुट जाएं।
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