बेटे के शव को पोस्टमार्टम कराने बाइक पर ले जाने को मजबूर पिता
सीतापुर। बांसगाव संदेश। रणधीर कुमार
यूपी के सीतापुर में मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाला मामला आया है। यहां स्वास्थ्य महकमे की अनदेखी के चलते एक पिता को अपने मासूम बेटे के शव को बाइक पर ही ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। बेबस और लाचार पिता का बेटे के शव को बाइक पर ले जाने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दरअसल, पूरा मामला सीतापुर के सदर जिला अस्पताल परिसर का है। जहां तालगांव थाना क्षेत्र के ग्राम देवरिया निवासी छेदी का 10 वर्षीय बेटा अंकुर कस्बे में ही सड़क हादसे का शिकार हो गया। परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां मासूम बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया। पुलिस ने पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए तैयार किया। जिसके बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के लिए शव वाहन की तलाश करने लगे।
पिता ने मासूम बेटे के शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के लिए इमरजेंसी वार्ड में बैठे डॉक्टरों से गुहार लगाई और स्वयं भी शव वाहन के ड्राइवरों को फोन करके शव ले जाने का आग्रह किया, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। पिता का आरोप है कि शव वाहन का ड्राइवर नशे में धुत था। पिता की बेबसी और मायूसी उस समय दम तोड़ गई जब बेटे का शव खुले आसमान के नीचे घंटों पड़ा रहा। अस्पताल प्रशासन की अनदेखी से मजबूर पिता ने बाइक पर अपने बेटे का शव ले जाना मुनासिब समझा और उसे लेकर बाइक पर ही पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गया।
उधर, जिला अस्पताल प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों से पलड़ा झाड़ते हुए परिजनों को ही अस्पताल प्रशासन को जानकारी न देने का कसूरवार ठहराया है। आमजन की सुविधा के लिए सरकार तो संसाधन उपलब्ध कराती है, लेकिन लापरवाह सिस्टम लोगों को रुला देता है। इसी की बानगी सीतापुर जिला अस्पताल में देखने को मिली है। हालांकि व्यवस्था की पोल खुलने पर स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया है और जिलाधिकारी ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
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