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    कोविड प्रबंधन को लेकर डीएम ने यू ट्यूब के माध्यम से दी जानकारी

    देवरिया ।जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जनपद देवरिया में कोविड प्रबंधन के दृष्टिगत यूट्यूब लाईव के माध्यम से जुड कर कहा कि कोविड प्रबंधन के लिये यह संवाद अति आवश्यक है और इसकी प्रासंंगिकता  इसलिये महसूस हुई, क्योकि तमाम तरह के शासन तथा जिला प्रशासन के निर्णय है, जो समय समय पर आमजनमानस को अवगत कराये जाने है। ये लगातार देवरिया प्रशासन को फीडबैक मिल रहा था कि तमाम ऐसी चीजे है जो आमजनमानस के पास जा नही रही है, जिसके बजह से जागरुकता का आभाव हो रहा है और कहीं न कहीं ये कोरोना महामारी के विरुद्ध जो लडाई लडी जा रही है, उसमें इसकी वजह से समस्या आ रही है। उन्होने कहा कि ये जो कोरोना की वैश्विक महामारी है, ये एक सामुदायिक स्वास्थ्य के लिये बडी चुनौती है। अंग्रेजी में इसे पब्लिक हेल्थ चैलेंग कहा जाता है। जब कोई ऐसी चुनौती आती है, तो कम्यूनिटी लेबल पर लोगो को  प्रभावित करती है, तो ये देखा गया है कि अन्य देशों व राज्यों में भी ये लडाई अकेले स्तर पर जिला प्रशासन नही लड सकता है, जब तक कि इसमें जनभागीदारी नही हो सकती। यह जरुरी है कि इसमें पब्लिक को जोडा जाये, इसमें आम जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित की जाये, उनमें चेतना लाई जाये, उनके व्यवहार में परिवर्तन लाया जाये। सबसे पहले शासन ने इस कोरोना से उत्पन्न महामारी को एक आपदा घोषित किया, इसके साथ ही इसके प्रबंधन के लिये जिलाधिकारी को इस चुनौती को सामना करने के लिये जनपद में  अगुआ की भूमिका दी गयी। जिलाधिकारी से अपेक्षित यह था कि वे सभी राजकीय विभागो के कर्मचारियों से, सम्मानित जनप्रतिनिधियों से, देवरिया के नागरिकों से, मीडिया के बन्धुओं से, अन्य प्रतिष्ठित समुदाय के लोगो से, एक कोआर्डीनेशसन बनाते हुए इस लडाई को लडे। तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी को इंसिडेन्ट कमाण्डर की भूमिका में रखा गया।  यानि की वे अपने क्षेत्र में इस महामारी से लडने के लिये जिलाधिकारी की छाया के रुप में, जिलाधिकारी को जो भी शक्तिया दी गयी हैं उनका इस्तेमाल करके अपने क्षेत्र में व्यापक प्रबंधन करेगें। इस चुनौती से निपटने के लिये कई विभागों को महत्वपूर्ण भूमिका दी गयी, जिसमें सर्वप्रथम स्वास्थ्य विभाग है, इस चुनौती से लडने के लिये अगुवाई करती है। हेल्थ डिपार्ट की पूरी मशीनरी मुख्य चिकित्साधिकारी के पास होती है। चिकित्सा विभाग को सहयोग करने के लिये अन्य विभाग जैसे पुलिस विभाग, जोे कफ्र्यू या लाकडाउन के स्थिति में पुलिस विभाग देखता है। पुलिस विभाग के माध्यम से हम जागरुकता फैलाते है। पुलिस विभाग के सभी कर्मी को इस वैश्विक माहामारी से बचाये जाये, उनको इन्फेक्शन न हो यह सुनिश्चित किया जाये। इसी प्रकार राजस्व विभाग एक अति महत्वपूर्ण विभाग है, जिसमें लेखपाल से लेकर जिले में कलेक्टर तक ये सभी विभाग के लोग इस कोविड के प्रबंधन में सभी प्रकार का चिकित्सा विभाग का सहयोग करते है। ग्रामीण स्तर पर बाल विकास एवं पुष्टाहार के कार्मिक यथा सुपरवाइजर, आगंनवाडी आदि सहयोग करते है, इसी प्रकार सफाई, सैनिटाइजर आदि कार्यो में ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतीराज विभाग एवं शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय इस भूमिका मे  रहते है। ग्राम्य विकास विभाग के नीचले स्तर से उच्च स्तर के अधिकारी है वे लडाई में परस्पर सहयोग करते है। इसी प्रकार अन्य विभाग है जैसे शिक्षा, कारागार, प्रशासन होमगार्ड अन्य विभाग इस चुनौती में अपना सहयोग देते है।  आमजनमानस को समुचित इलाज कराना और जो अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगो को भी चिकित्सकीय इलाज मुहैया कराया जाये। सरकार ने ये व्यवस्था की है कि कुछ को कोविड, तो कुछ को नान कोविड के रुप चिन्हिकरण किया गया। जनपद स्तर पर 250 बेड का अस्पताल एमसीएच विंग बना है, जिसमें प्रत्येक बेड पर आक्सीजन की व्यवस्था है। इसी प्रकार ब्लाक स्तर पर भी कोविड अस्पताल के लिये गौरी बाजार को चिन्हित किया है जहां 35 आक्सीजन युक्त बेड है। इसी तरह हम रुद्रपुर व पिपरादौला कदम में व्यवस्था  बनाई जाएगी। इन अस्पताल में मरीज भर्ती होंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोविड की डेडिकेटेड ओपीडी चला रखी है। एक हेल्पडेस्क बनी है। जिसमें आने वाले व्यक्तियों की चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है तथा गंभीर स्थिति होने पर तत्काल उपचार किया जाता है। । अन्य समस्या से ग्रसित मरीज को इमरजेन्सी सेवाये उपलब्ध करायी जाती है। इसी प्रकार नान कोविड के मरीज के लिये इमरजेन्सी सेवा भी उपलब्ध करायी गयी है। जिला अस्पताल में नान कोविड के लिये 24 घंटे इमरजेन्सी सेवा उपलब्ध है। गर्भवती महिलाओं के लिये  डिलेवरी प्वाइन्ट  जिला महिला चिकित्सालय में कोविड से अलग से व्यवस्था की गयी है
           जिलाधिकारी ने कहा कि 2020 से लेकर अब तक कुल साढे 19 हजार से पाजिटिव केस है, जिनमें से 17 हजार से ज्यादा स्वस्थ होकर घर जा चुके है। वर्तमान में लगभग 1700 पाजिटिव केस है। 1500 से ज्यादा लक्षण कम होने की वजह से होम आइसोलेशन में है। अब तक कुल 177 लोगो की कोविड से मृत्यु हुई है।  ब्लाक एवं लोकलयटी स्तर पर देखा जाये तो माह मई में पाजिटिव केस 10 प्रतिशत से कम है। मई के प्रथम सप्ताह में 18 प्रतिशत, दूसरे में 9 प्रतिशत तथा 15 से अब तक 5-6 प्रतिशत है। इस प्रकार लगभग 9.9 प्रतिशत माह मई में अब तक केस है।  देवरिया सदर, भटनी, गौरी बाजार, बनकटा एवं बरहज ंमें संक्रमण ज्यादा है, इसको लेकर सक्रिय रहने की जरुरत है। इन क्षेत्रो में संक्रमण दर गिराने की जरुरत है। यह जागरुकता के माध्यम ही संभव है।
           श्री निरंजन ने कहा है कि घरो से बाहर निकनले वक्त मास्क अवश्य लगाये, सामाजिक दूरी का पालन करें, नियमित अन्तराल पर सैनिटाइजर का प्रयोग करें। घर आकर गुनगुने पानी से हाथ धोये  अथवा नहा लें, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। उन्होने कहा है कि सर्दी, खासी, सांस लेने में तकलीफ कोरोना के प्रमुख लक्षण है। ये लक्षण होने पर हम सभी को सर्तक होना चाहिये। तत्काल आइसोलेट करने के साथ सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में चिकित्सकीय परामर्श अथवा जांच करा लेना चाहिये। उन्होने टेस्ट के बारे में बताया है कि दो तरह के टेस्ट है एन्टीजेन जिसमें 15 मिनट में रिजल्ट का पता लग जाता है और दूसरा आरटीपीसीआर, जिसमें 24 से 48 घंटे या ज्यादा समय लग सकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि कन्टेनमेण्ट जोन की बास बल्ली लगाकर चिन्हाकरण किया जाता है। होम डिलीवरी के माध्यम से आवश्यक सामाग्रियों को उन क्षेत्रो में पहुॅचाया जाता है।  आशा/आंगनवाडी द्वारा वहा ंजाकर पुछताछ की जाती है। स्वस्थ्य आदि के बारे में जानकारी की जाती है। उन्होने कहा कि कन्टेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से लक्षणयुक्त वाले व्यक्त्यिों एवं सम्पर्क में आये व्यक्त्यिों की टेस्टिंग करने के साथ लिस्ट बनाकर रजिस्टर मेनटेन की जाती है। इसके लिये राजस्व ग्रामों एवं शहरों के मोहल्ले में निगरानी समिति गठित की गयी है, जो जांच की व्यवस्था, मेडिकल किट, मरीज को एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करते है। जनपद में 70 आरआरटी टीम भी गठित है जो पूरी तरह एक्टिव है। इस टीम को  थर्मल स्कैनर, पल्स आक्सीमीटर, पोस्टर एवं गाडी दिया गया है, जो विजिट के दौरान स्वास्थ्य आदि परामर्श देते है और गंभीर स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल में एडमिट कराते है।  उन्होने कहा कि आक्सीजन युक्त बेड, दवा एवं एम्बुलेन्स आदि की कोई कमी जनपद में नही है।
             जिलाधिकारी ने कहा कि कलेक्ट्रेट  में कन्ट्रोल रुम 24 घंटे क्रियाशील है। इसका नम्बर 05568-222505 है। इस नम्बर पर एम्बुलेंस, बेड की समस्या, हास्पिटल में भर्ती हेतु, परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर शव वाहन की व्यवस्था हेतु, जांच के लिये, निःशुल्क दवा का पैकेट, चिकित्सकीय परामर्श, फीडबैक/शिकायत, सुझाव के लिये यह नम्बर है। नम्बर व्यस्त न हो, इसके लिये 9 हंटिंग लाईन की व्यवस्था की गयी है।  
             जिलाधिकारी ने वैक्सीनेशन के संबंध में कहा कि कोेविड संक्रमण रोकने  वैक्सीनेशन कराना आवश्यक है। वैक्सीनेशन को लेकर अफवाहों में न आए पूरी तरह सुरक्षित है। गंभीर बीमारी की स्थितियों में बचा सकता है। यह वैक्सीन निशुल्क है। 18 वर्ष से ऊपर 45 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को वैक्सीनेशन का कार्य किया जाना।    
        जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड के कारण लोग अपने घरों में रहते हैं। घरों में चिकित्सा व्यवस्था कराए जाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है  कि वे एक मिस्ड कॉल के माध्यम से डॉक्टर से चिकित्सकीय परामर्श ले सकते।  मिस कॉल करने के उपरांत  नंबर पर फोन जाएगा जिससे वे अपनी समस्याओं को अवगत करा कर परामर्श पा सकते हैं, निशुल्क व्यवस्था की गई है। 96673 08777 नंबर को प्रचलित  किया गया है,जिस नंबर पर मिस्ड कॉल करना होगा। उन्होंने कहा कि 25 दिन पहले ऑक्सीजन की कठिनाई महसूस की गई इसकी पूर्ति के लिए गोरखपुर से लाना पड़ता था जिसमें समय लगता था। इस समय ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन में उपलब्ध है होम आइसोलेशन के डिमांड पर निशुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी। डॉक्टर की पर्ची व  आधार कार्ड उपलब्ध कराना होगा। सभी तहसीलों में इसकी व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई है।

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