बेल न मिलने से ओवरलोड ही रहा जिला कारागार
कानपुर। जेल में पहले से ही बंदियों की संख्या ज्यादा है। कोविड संक्रमण के दौर में जमानत न मिलने से बंदियों की संख्या और बढ़ती जा रही है।
सौ से ज्यादा बंदी अपनी जमानत की अपील हाईकोर्ट में करने का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल उन्हें जमानत मिलने की उम्मीद नहीं है क्योंकि जिला कोर्ट से खारिज जमानत का सत्यापित आदेश ही उन्हें नहीं मिल पा रहा है। नियम है कि जनपद न्यायालय में जमानत का आवेदन करने के बाद यदि जमानत मिल जाती है तो ठीक अन्यथा जमानत खारिज होने का सत्यापित आदेश लेकर हाईकोर्ट में अपील की जाती है।
वर्चुअल सुनवाई हो रही
एडवोकेट संदीप शुक्ला के मुताबिक अधिकतर मामलों में हाईकोर्ट से आरोपित को जमानत मिल जाती है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान जिला न्यायालय में आरोपियों की जमानत पर वर्चुअल सुनवाई हो रही है। कुछ को जमानत मिल रही है लेकिन अधिकतर की खारिज हो रही है. ऐसे में जिनकी जमानत खारिज हो रही है वह चाहकर भी हाईकोर्ट में अपील नहीं कर पा रहे। दरअसल, जिला न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट जाने के लिए आदेश की सत्यापित प्रति की जरूरत होती है जबकि यहां कंप्यूटराइज्ड प्रति ही आरोपियों को मिल रही है।
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