महीने भर में एक ही परिवार में माता पिता और पुत्र की मौत से सिहर उठा गांव
ब्रह्मपुर गोरखपुर।बाँसगाँव सन्देश। कोरोना का कहर अधिवक्ता के घर बरपा गया। पहले कोरोना पॉजिटिव हुए तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार उपाध्याय की मौत हुई। एक माह के भीतर उनकी माँ फिर उनके पिता भी चल बसे। झंगहा क्षेत्र के भैंसही रामदत्त निवासी व बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री व उपाध्यक्ष 48 वर्षीय संजय कुमार उपाध्याय पंचायत की चुनाव के दौरान नोटरी बनाने में उनकी तबियत बिगड़ी। वह आस्था हॉस्पिटल तारामंडल में भर्ती हुए थे और उनकी 20 अप्रैल को निधन हो गया। उनकी मौत पर परिवार में कोहराम मच गया। बेटे की मौत को बर्दाश्त नही कर पाने में उनके दसगात्र के दिन बीते 29 अप्रैल को 75 वर्षीया माता संयोगिता उपाध्याय का निधन हो गया। ठीक तीसरे दिन 2 मई को उनके पिता 78 वर्षीय रघुवंश उपाध्याय भी चल बसे। सभी की मौत कोरोना के के कारण होना बताया गया।
इस परिवार पर कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया कि गांव व परिवार के लोग सिहर गए। एक ही परिवार के तीन मौतों के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा हो गया। लोग घरों में कैद हो गए। कुछ ही करीबी उनके घरों तक पहुंचे। बड़ी बात यह है कि कोई जिम्मेदार भी परिवार का हाल जानने तक का जहमत नही उठाया। संजय के छोटे भाई बंटी उपाध्याय का कहना है कि वह नोटरी बनाते थे। पंचायत चुनाव के संबंध में उनकी मौत हुई लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने अधिवक्ता परिवार की सुधि नही लिया। उन्होंने शासन प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद करने की मांग किया है।
संजय उपाध्याय की कोरोना से मौत के बाद माता और पिता का भी साया उठने से परिवार पूरी तरह बिखर गया है। अधिवक्ता की विधवा सुनैना देवी व उनके दो बच्चो स्तुति उपाध्याय (20) व सत्यय (17) की आंखे पथरा गई है। एक माह बाद भी उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नही ले रहा है। अब छोटे भाई बंटी के ऊपर परिवार की बड़ी जिम्मेदारी आ गई है।
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