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    कुशीनगर : टीकाकरण को लेकर चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही ।

    निर्धारित टीकाकरण स्थल पर लटका रहा ताला

    लगवाने आए लोग गए वापस



    कुशीनगर | कोरोना की जंग जीतने के लिए सरकार के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं | चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने से लेकर अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करा कर सरकार का यह प्रयास है कि इस बीमारी से मुक्ति मिले, परंतु सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने वाले यदि लापरवाह होंगे तो योजनाओं को पलीता लगना तय है | हालांकि जिलाधिकारी कुशीनगर एस राज लिंगम के द्वारा नियमित समीक्षा बैठक कर पूरे जिले की कमान स्वयं संभाली गई है एवं चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव भी देखने को मिल रहा है | परंतु लापरवाह और भ्रष्ट लोग अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे |
    बता दें की सूचना विभाग कुशीनगर के द्वारा जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के हवाले से यह सूचना दी गई थी कि 24 मई को जनपद के 13 विकास खंडों के 26 केंद्रों पर टीकाकरण होना सुनिश्चित किया गया था, जिसमें बहादुरपुर पीएचसी पर भी टीकाकरण होना था | परंतु उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण नहीं हुआ और दिन भर ताला लटका रहा | परिणाम यह हुआ की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर पहुंचे लोग लंबे इंतजार के बाद वापस हो लिए |अपनी माता बागेश्वरी  शुक्ला तथा चाचा मदन शुक्ला को वैक्सीन लगवाने आए संतोष शुक्ला ने बताया की दिन भर इंतजार करने के बाद वे वापस जा रहे हैं |इस संदर्भ में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि उक्त केंद्र पर किसी की उपस्थिति नहीं होना ठीक नहीं है और इस प्रकार की पुनरावृत्ति भविष्य में नहीं होने दी जाएगी | जबकि उक्त केंद्र के डॉ अमित राय ने कहा की उक्त सेंटर पर वैक्सीनेशन का कार्य न करके विरवट कोंहवालिया में टीकाकरण कराया गया |  डॉक्टर अमित राय ने यह स्वीकार किया की उक्त पीएससी के फार्मासिस्ट जिले पर सामान लेने आए थे, एल टी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं | जबकि स्वयं डॉ अमित राय की ड्यूटी जिले पर पोस्टमार्टम के लिए लगी हुई है |
    ऐसे में गंभीर प्रश्न यह है कि निर्धारित टीकाकरण स्थल पर पूरे दिन ताला लटका रहे और जिम्मेदार अधिकारी को इसकी सूचना तक न हो ?
     दूसरा प्रश्न यह है कि यदि टीकाकरण अधिक लोगों को करने के लिए स्थान परिवर्तित कर कहीं दूसरी जगह जाना है, तो भी इसकी सूचना ऊपर के अधिकारियों को होनी चाहिए अथवा स्थानीय स्तर पर ही इसका निर्णय कोई भी करेगा ?
    और जो व्यक्ति रजिस्ट्रेशन करा कर अपनी बारी का इंतजार कर टीकाकरण कराने पहुंचा है उसके प्रति जवाबदेह कौन होगा ?
     अभी भी स्वास्थ विभाग की यह लापरवाही बताती है कि लंबे समय से मनमाने ढंग से चल रही कार्यशैली इतनी आसानी से बदलने वाली नहीं है |  प्रदेश और देश इस जंग को जीतने के लिए हर संभव प्रयास जरूर कर रहा है  लेकिन इस प्रकार लापरवाह लोगों की जवाबदेही कौन तय करेगा ?
    जिलाधिकारी महोदय के द्वारा एक आवश्यक बैठक ली जा रही थी,जिसके कारण इस संदर्भ में उनसे बात संभव नहीं हो पाई |

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