अपराधी के पास जेल में कैसे पहुँची पिस्टल और गोलियां
रामपुर बुजुर्ग, देवरिया। बांसगांव संदेश (रामाश्रय यादव)
उत्तर प्रदेश। चित्रकूट जिला जेल रगौली में कुख्यात अपराधियों मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को गोली मारने के लिए तीसरे बंदी अंशुल दीक्षित के पास पिस्टल कहां से आई यह जेल की सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा सवाल सामने आ रहा है। इस मामले में जिला और मंडल के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। चित्रकूट धाम मंडल के आईजी के सत्यनारायण और चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने बताया कि अपराधी अंशुल दीक्षित के पास पिस्टल और गोलियां कैसे पहुंची इसकी जानकारी की जा रही है।
इसके बाद पुलिस टीम की ओर से भी ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। जिसमें अंशुल दीक्षित की मौत हो गई। इस हत्याकांड में मारे गए अपराधी मेराजुद्दीन का बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी से भी नजदीकी संबंध हैं। पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की है। बता दें कि मेराजुद्दीन को मार्च 2021 में वाराणसी जेल से चित्रकूट जेल भेजा गया था।
मुकीम उर्फ काला को 7 मई 2021 को चित्रकूट जेल भेजा गया था। जबकि इसके पूर्व अंशुल दीक्षित को दिसंबर 2019 में ही चित्रकूट की जेल में रखा गया था। इस सनसनीखेज वारदात से बागपत जिले में 9 जुलाई 2018 को पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले की याद दिला दी है। उस घटना में भी जेल के अंदर कुछ इसी तरह ताबड़तोड़ गोलियां चली थीं।
जिसमें मुन्ना बजरंगी की मौत हो गई थी। कोरोना महामारी के चलते इन दिनों चित्रकूट जेल में कैदियों से मिलाई तक बंद है, सिर्फ टेलीफोन से ही बातचीत कराई जाती है। ऐसे में यह सबसे गंभीर सवाल है कि जेल के अंदर पिस्टल कैसे पहुंच गई।
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