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    पिता ने अपने ही पुत्र का गला रेतकर मौत के घाट उतारा


    बनकटा, देवरिया। बांसगांव संदेश (प्रमोद कुमार)

    उत्तर प्रदेश।  फिरोजाबाद जनपद के थाना सिरसागंज क्षेत्र के ग्राम किसरांव स्थित शिवमंदिर में पिता ने अपने पांच वर्षीय बेटे का गला चाकू से रेत दिया और उसके बाद खुद का भी गला काट लिया। दोनों को गंभीर हालत में उपचार को अस्पताल भेजा गया है। वहीं घटना की खबर गांव में आग की तरह फैली तो पूरे गांव की भीड़ मंदिर पर एकत्रित हो गयी।

    मामला सिरसागंज थाना क्षेत्र के ब्लाक अरांव के ग्राम किसरांव का है जहां सोमवार सुबह संदीप पुत्र जयवीर सिंह ने गांव के समीप स्थित शिव मंदिर का गेट बंद कर पहले अपने पांच वर्षीय बेटे का गला चाकू से रेत दिया, उसके बाद खुद का भी गला काट लिया। गांव में घटना की जानकारी तब हुई जब मंदिर की नाली से खून बहकर बाहर आता देखकर पूजा करने वाली महिलाएं सन्न रह गईं।लेकिन जब महिलाओं ने अंदर का नजारा देखा तो उनके होश उड़ गए।

    महिलाओं ने चिल्लाकर ग्रामीणों को मौके पर बुला लिया और देखते ही देखते मौके पर पूरा गांव एकत्रित हो गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने संदीप और घायल छोटू को जिला अस्पताल भेजा जहां से उन्हे आगरा रेफर कर दिया गया। वहीं संदीप की पत्नी बेबी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसका पति सुबह बेटे को घर से लेकर गया था और उसके बाद उसने अपने बेटे के साथ यह घटना कर दी।

    ग्रामीणों की मानें तो पिछले तीन दिनों से संदीप अपनी पत्नी बेबी और बेटे के साथ मारपीट कर रहा था, जिसके डर से उसकी पत्नी भी गांव के अन्य घरों में छिपकर रह रही थी। फिलहाल घटना के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। एसपी ग्रामीण अखिलेश नारायण सिंह का कहना है कि ग्राम किसरांव में संदीप नामक व्यक्ति व उसके पांच साल के बच्चा का गला कटा होने की जानकारी हुई थी। दोनों घायलों को आगरा उपचार के लिए भेजा गया है।

    हर ग्रामीण की जुबां पर असली और नकली संदीप की कहानी


    ग्रामीणों का कहना है कि जयवीर के तीन पुत्र थे। सबसे बड़ा पप्पू, दूसरे नंबर का टम्पू, तीसरे नंबर का संदीप। जयवीर के बेटा संदीप वर्ष 2000 में गुस्सा होकर घर से भाग गया था। 2011 में एक युवक गांव में आया। उसने खुद को संदीप होने का दावा किया। पिता ने भी 11 साल बाद शारीरिक परिवर्तन होने के कारण उसे अपना पुत्र मान लिया। 2013 में पिता संदीप की शादी पाढ़म गांव से कर दी।

    शादी के दो साल बाद 2015 में एक और युवक आया और उसने जयवीर का असली बेटा संदीप होने का दावा किया। ग्रामीणों का कहना है कि 2017 में उक्त युवक ने दंबगई दिखाते हुए संदीप को गांव छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया। मई के पहले सप्ताह में इस बीच जयवीर की मौत हो गई। लेकिन जयवीर ने मौत से पहले ही अपनी वसीयत अपने दो बेटे के नाम कर दी। तथाकथित संदीप को कुछ भी नहीं हासिल हुआ। इस बात को लेकर वह डिप्रेशन में था। ग्रामीणों की मानें तो पप्पू और संदीप दिल्ली रहते हैं, जबकि टम्पू मुंबई में रहकर नौकरी कर रहा है।

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