सौ साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त करने वाले दोषियों को कड़ी सजा मिले : ई 0मिन्नतुल्लाह
उत्तरप्रदेश/गोरखपुर।राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ_भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता ई.मो.मिन्नतुल्लाह ने रामसनेही घाट तहसील परिसर बाराबंकी में स्थित लगभग 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने का पुरजोर विरोध करते हुई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह इस मामले में दोषी तहसीलदार और एसडीएम के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से तत्काल रुप से बर्खास्त करें। साथ ही साथ उन्होंने मस्जिद का दोबारा निर्माण कराए जाने की भी मांग की। अपने जारी बयान में राष्ट्रीय प्रवक्ता ई.मो.मिन्नतुल्लाह ने कहा कि यह काम भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ है। और यह माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना भी है क्योंकि यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा था। ई.मो.मिन्नतुल्लाह ने कहां की नए तहसील परिसर का निर्माण 1992 में किया गया और एसडीएम आवास इस मस्जिद के सामने ही बनाया गया। जबकि इससे पहले पुरानी तहसील मस्जिद के पीछे थी। मस्जिद लगभग 100 साल पुरानी है और 1968 से रजिस्ट्री क्रमांक 4810 वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में दर्ज है और उससे पहले सन् 1959 मस्जिद के पास बिजली का कनेक्शन है। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को यहां रूस की तुलना में ज्यादा संख्या में लोग नमाज पढ़ने आते थे। इसको क्यों आनन-फानन में ध्वस्त कर दिया गया यह समझ से परे है उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए जिससे सरकार का नारा "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" सच होता दिखे।ई.मो.मिन्नतुल्लाह ने मस्जिद का दोबारा निर्माण कराए जाने की भी मांग की।
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