योगी सरकार के शब्दकोष में दायित्व, बोध और दया नाम का शब्द नहीं: रामगोविंद चौधरी
बलियाः उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने बुधवार को कहा कि महामारी कोविड-19 के मौजूदा दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम का अधिकतम समय अखबारों में हेड लाइन तय करने और उसे प्रचारित कराने में लग रहा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शब्दकोश में दायित्व बोध और दया नाम का शब्द ही नहीं है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए योगी सरकार पर तीखे हमले किये। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के लिये कड़े शब्दों के प्रयोग का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को दायित्व बोध कराने और इसमें दया की प्रवृति विकसित करने के लिए इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है।चौधरी ने कहा, ''मौजूदा दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम का अधिकतम समय अखबारों में हेड लाइन तय करने और उसे प्रचारित कराने में लग रहा है।''
उन्होंने कहा, ''उच्च न्यायालय को सूबे के हित में इस निर्मम व निर्दयी सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर विचार करना चाहिए।'' चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 58 हजार 194 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें निर्वाचित प्रधान, सभासद, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य हैं। महामारी कोविड के खिलाफ जागरण और बचाव में इस लोकतांत्रिक ताकत का उपयोग हो सकता है । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''योगी सरकार खुद कुछ करना नहीं चाहती है और दूसरों को कुछ करते हुए भी नहीं देखना चाहती है। सरकार के इसी रवैये के कारण सूबे में चारों तरफ केवल आह सुनाई पड़ रही है।''
चौधरी ने कहा कि विपक्ष ही नहीं, अब भाजपा के विधायक भी बोलने लगे हैं कि सत्य कहेंगे तो राष्ट्रद्रोह का मुकदमा कायम हो जाएगा। कोई नहीं सुन रहा है, कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन व इंजेक्शन उपलब्ध न होने की बात मोदी व योगी सरकार के मंत्री भी उजागर कर चुके हैं।
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