करोना वायरस वैश्विक महामारी के खात्मे के प्रार्थना के साथ पूजन,आरती व प्रसाद वितरण“ के साथ श्री चित्रगुप्तजी का प्रकट पूजन संपन्न
गोरखपुर । आज पूज्य दुर्गा प्रसाद बाबूजी के सानिध्य में गोलघर स्थित मां अकलेश सदन में उपस्थित पूरे परिवार ने भगवान श्री चित्रगुप्तजी के प्रकट उत्सव की वैदिक रीति से पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर सभी परिवार जनो के सदस्यों ने श्री चित्रगुप्तजी महाराज का पूजन करने के पष्चात् ” कलम-दावात की विशेष पूजा भी की,साथ ही साथ वैश्विक महामारी करोना के खात्मे के प्रार्थना के साथ ही व तत्तपश्चात हवन , आरती ,प्रसाद वितरण व असहाय परिवारों को भोजन,दवा आदि की सहायता प्रदान किया गया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम श्री चित्रगुप्तजी की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच षोडश पूजन किया गया। जिसमें परिवार सदस्यओ ने हिस्सा लिया। तत्पष्चात् प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित की गयी। जिसके तहत सभी ने पहले से वितरित भगवान श्री चित्रगुप्तजी चित्र से युक्त पृष्ठ पर विभिन्न देवी-देवताओं एवं श्री चित्रगुप्तजी के ही अनेक नामों को अंकित कर लिखित नमन किया। बाद में सभी ने लिखित पत्रों को भगवान श्री चित्रगुप्तजी की प्रतिमा के समक्ष अर्पित कर दिया। इसके बाद से भजन व आरती का कार्यक्रम भक्तिपूर्ण वातावरण मे सम्पन्न हुआ। अन्त में सभी लोगों के बीच प्रसाद का वितरण हुआ। ” पूजन, हवन , आरती व प्रसाद वितरन “ उपरान्त के पूज्य मां अकलेश व कायस्थ रत्न लोकप्रिय राजनेता व समाजसेवी स्वर्गीय डॉक्टर अशोक कुमार श्रीवास्तव की स्मृति में मांगिरिश वेलफेयर ट्रस्ट, शीतला प्रसाद फूलमती देवी शिक्षा संस्थान व डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव फैंस क्लब व राष्ट्रीय सेवा परिषद के सहयोग से करोना कारण उत्पन्न उपस्थिति में असहायो मे खाद्य ,दवा आदि बाटी गई।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए (प्रख्यात समाजसेवी ) श्री दुर्गा प्रसाद (बाबू जी) व इं. प्रदीप कुमार सचिव मुख्य इंजीनियर दूरभाष एवं टेलीकॉम पूर्वोत्तर रेलवे व डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष शिक्षाशास्त्र सेंट एंड्रयूज पीजी कॉलेजने कहा कि इस भयानक भयानक वैश्विक कोरोना महामारी से श्री चित्रगुप्त भगवान सभी मानव समाज को बचाए यही हम सब भी प्रार्थना करते हैं,इस संकट के समय में जो भी असहाय निरी प्राणी हैं उन्हें यथासंभव सहयोग प्रदान करें, उन्होंने कहा कि
हिंदुओं के हिन्दी संवत् मास चित्रमास है जो अपभ्रंश होकर चैत्रमास हो गया है। यह मास चित्रगुप्तजी के नाम से है। इसी चित्रमास के पूर्णिमा को चैत्र (चित्रा) नक्षत्र गवमें ब्रह्माजी जी द्वारा 11000 साल की तपस्या करने के उपरांत उनकी काया से श्री चित्रगुप्तजी भगवान मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी के तट पर आज ही प्रकट हुए थे। उज्जैन में ही काफी पौराणिक चित्रगुप्त मंदिर भी हैं जहाँ प्रसाद के रूप में कलम, दवात चढ़ाया जाता है जिससे प्रसन्न होकर श्री चित्रगुप्त भगवान अपने भक्तो को मनवांछित फल प्रदान करते हैं, साथ ही कायस्थ के चार तीर्थो में उज्जैनी नगरी में बसा श्री चित्रगुप्त भगवान का ये मंदिर पहले नंबर पर आता है।
चित्रमास की पूर्णिमा चित्र पूर्णिमा अर्थात् चित्रगुप्त पूर्णिमा कही जाती है।कांचीपुरम् चेन्नई में चित्रगुप्तजी का प्राचीन मंदिर है। पूरे दक्षिण भारत में चैत्र पूर्णिमा के दिन को चित्रगुप्तजी का प्रकट उत्सव मनाया जाता है और चैत्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा तक यम नियम का पालन किया जाता है। इस पूरे मास को चित्रगुप्तजी के नाम से ही चैत्र मास कहा जाता है।
डीपी टेलीकॉम केएमडी इंजीनियर रंजीत कुमार मांगिरिश वेलफेयर ट्रस्ट के मुखिया इंजीनियर संजीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान वर्तमान करो ना महामारी से हम सभी मानव समाज और वन जीव जंतु को श्री चित्रगुप्त भगवान अपने प्रताप से सभी को बचाए यही हम सब की प्रार्थना है और साथ ही साथ सभी असहाय जीव-जंतुओं को हर संभव सभी की मदद करे वह शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन करें ।
आज के श्री चित्रगुप्त भगवान के जन्म उत्सव पर डॉ किरण अर्चना डॉ विभा ,निवेदिता मनीषा, मंजीत कुमार, कुमार रेल टेल के इंजीनियर अनुभव कुमार श्रीवास्तव आईआईटी एंन ई.प्रखर कुमार श्रीवास्तव ,भावना, प्रिथिका,अनुषा ,अंशिका , मांगिरिश बाबू व मानित बाबू परिवार के सभी लोग उपस्थित थे।
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