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    जीरो से कुछ इस तरह हीरो बने थे गुलशन कुमार, मंदिर के सामने ली थी अंतिम सांस


     संगीत की दूनिया में भक्ति का रस बिखरने वाले शिव भक्त गुलशन कुमार कभी किसी के आगे झुकना पसंद नहीं करते थे। उनका सर किसी के आगे झुका तो वह है भगवान भोले नाथ के आगे। रिपोर्ट की मानें तो उनका किसी के आगे घुटने नहीं टेकने वाली बात ही उनके मौत का कारण बना। आज मशहूर निर्माता और व्यवसायी गुलशन कुमार के बर्थ एनिवर्सरी पर जानेंगे उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारें में.... 5 मई 1956 को दिल्ली के पंजाबी परिवार पैदा हुए गुलशन कुमार की लाइफ भी किसी फिल्म से कम नहीं है। उनके लाइफ का सफर भी 'जीरो से हीरो' बनने के जैसा ही रहा है।
    गुलशन के शुरुआती करियर की बात करें तो वह अपने पिता के साथ दिल्ली की दरियागंज मार्केट में जूस की दुकान चलाते थे। हालांकि इस काम से कभी भी गुलशन खुश नहीं थे क्योंकि वो अपनी लाइफ में कुछ और करने का ठान लिया था। लेकिन वह हालात के आगे विवश थे। कहते हैं कि गुलशन हमेशा लोगों को हैप्पी देखना पसंद करते थे। वह लोगों की मदद करते थे। इसलिए वह अपने पिता के बिजनेस में हमेशा उनका साथ दिया लेकिन वह अपने सपने को पूरा करने के लिए जूस की दुकान के साथ ही साथ कैसेट्स बेचने का व्यापार भी करने लगे। वो सस्ते में गानों की कैसेट्स बेचने लगे। उनके इस काम में सफलता मिली और वह दिल्ली से मुबंई में अपनी किस्मत आजमानें के चल दिये। जहां वह संगीत की दुनिया के बादशाह बन बैठे। टी-सीरीज के संस्थापक रहे गुलशन के धीरे-धीरे इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री कदम रखना शुरु किया। अपने दम पर ही गुलशन के फिल्म संगीत का चेहरा ही बदल दिया। समय के साथ ही साथ वह अपने मेहन और लगन से बॉलीवुड में छा गए। गुलशन कुमार ओरिजिनल गानों को दूसरी आवाजों में रिकॉर्ड कर कम दामों में कैसेट बेचा करते थे। जहां अन्य कंपनियों की कैसेट 28 रुपए में मिलती थी, गुलशन कुमार उसे 15 से 18 रुपए में बेचा करते थे। इस दौरान उन्होंने भक्ति गानों को भी रिकॉर्ड करना शुरू किया और वो खुद भी वो गाना गाया करते थे। लगातार मिली सफलता के बाद उन्होंने अपना खुद का सुपर कैसट इंडस्ट्री नाम से ऑडियो कैसट्स ऑपरेशन खोला। जिसे आज दुनिया टी-सीरीज से जानती है। टी-सीरीज आज हिंदी सिनेमा की संगीत और फिल्म निर्माण की बड़ी कंपनियों में से एक है। गुलशन अब संगीत की दुनिया के बाद फिल्मों की तरफ रुख किया। साल 1989 में गुलशन बतौर प्रोड्यूसर फिल्म 'लाल दुपट्टा कमाल' फिल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होंने कई फिल्मों को प्रोड्यूस किया था जिसमें सुपरहिट फिल्म 'आशिकी' बेवफा सनम' शामिल है। गुलशन कुमार 1992-93 में बॉलीवुड के सबसे ज्यादा सफल सिंगर, प्रोड्यूसर और बिजनेसमैन थे। ऐसा माना जाता है कि गुलशन ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड की जबरन वसूली की मांग के आगे झुकने से मना कर दिया था, जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई। रिपोर्ट की मानें तो 12 अगस्त 1997 की सुबह गुलशन कुमार हर रोज की तरह अपने एक नौकर के साथ पूजा की सामग्री लेकर मुंबई स्थित लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स के अपने घर से थोड़ी दूर पर स्थित शिव मंदिर में पूजा करने के लिए निकले।
    उस दिन उनके साथ उनका बॉडीगार्ड भी नहीं था। गुलशन कुमार ने अपने धन का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान करके एक मिसाल कायम किया। उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की जो तीर्थयात्रियों के लिए नि: शुल्क भोजन उपलब्ध कराता है। गुलशन कुमार के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बनने जा रही है। फिल्म का नाम मुगल रखा गया है। गुलशन के रोल के लिए आमिर खान का नाम सामने आया है।

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