एम्बुलेंस और आटो में मरीजों को आक्सीजन देने के बजाय अस्पताल में भर्ती कर आक्सीजन दिया जाये- जिलाधिकारी
देवरिया। किसी मरीज को टेंपो या एंबुलेंस में आक्सीजन दिया गया तो संबंधित अफसरों की खैर नहीं होगी। यह निर्देश जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने अफसरों को जारी किया है। कहा कि सीएमओ इस पर गौर करें। कहा कि मरीजों को डिचार्ज समय-समय पर किया जाए, ताकि अगले मरीज को बेड व आक्सीजन दोनों मुहैया हो सके। कहा कि कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीज के बारे में स्थिति जानने के लिए स्वजन परेशान रहते हैं। प्रभारी अपराह्न तीन बजे से पांच बजे के बीच हर दिन उनके स्वजन को फोन कर मरीज की स्थिति के बारे में अपडेट देंगे। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। स्वजन का मोबाइल नंबर राज्य स्तरीय कमांड सेंटर व जनपदीय कमांड सेंटर में भी उपलब्ध कराया जाए। सभी एल-2 व एल-3 कोविड अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे संचालित रहें तथा वरिष्ठ चिकित्सक हर दिन राउंड लें। वेंटिलेटर की सूची स्वास्थ्य विभाग चिकित्सालयों व निजी अस्पतालों की सूची अलग-अलग भेजी जाए। कितने वेंटीलेटर क्रियाशील हैं। और कितने खराब हैं। इसकी भी जानकारी रखी जाए, जो खराब हैं, उन्हें तत्काल ठीक करा लिया जाए। आक्सीजन प्लांट की स्थापना ने के लिए सांसद व विधायक निधि से मिले प्रस्तावों को एकत्रित कर उसे तत्काल स्वीकृत किया जाए।
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