एक तरफ महामारी की मार दूसरी तरफ जनता महंगाई की मार खा रही है
सहजनवा गोरखपुर एक तरफ जनता महामारी के दुख से जूझ रही है दूसरी तरफ सरकार महामारी से बचाने के लिए जनता को लॉकडाउन लगाकर जनता को बीमारी से निजात दिला रही है तीसरी तरफ दुकानदार सभी सामानों का दाम डेढ़ा बढ़ाकर बिक्री कर रहे हैं। सरसों का तेल ₹200 किलो अरहर की दाल ₹120 मंडी में फल में सेव ₹200 किलो से अधिक दाम लिया जा रहा है फलों का दाम भी दूं ना तीना बड़ा करके बेचा जा रहा है किलो। इस तरह से हर सभी सामानों का दाम बढ़ा दिया गया है जनता न मजदूरी कर पा रही है ना किसी भी प्रकार का व्यवसाय कर पा रही है इस महामारी में जनता के यह समझ में नहीं आ रहा है किस महामारी में इतनी बढ़ती हुई महंगाई की मार कैसे झेलूं इसके लिए जनता चिंतित है लेकिन दुकानदार भाई लोग इनको केवल कितना अधिक सामानों पर लाभ लेने की चिंता है जनता के दुख की चिंता नहीं है और ना ही शासन प्रशासन का कोई इस पर प्रतिबंध ही है आज तक कभी भी सहजनवा बाजार में यह नई जांच किया गया कि क्या यह सामान शुद्ध है या सही रेट से बिक्री किया जा रहा है ।जनता को महामारी तो जला ही रही है साथ-साथ शासन-प्रशासन और दुकानदार सभी लोग झेला रहे हैं कोई भी जनता का सुध लेने वाला नहीं है।
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