मुंगेर गोली कांड में पटना हाईकोर्ट का सख्त रुख, कहा- मुआवजा मिलने पर हुई देरी तो चलेगा अवमानना का केस
मुंगेर दुर्गा प्रतिमा के दौरान हुए गोलीकांड में अनुराग की हत्या मामले में लगातार तीन दिनों से हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद के एकल पीठ में सुनवाई हो रही है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि सरकार आदेशित तिथि के एक माह के अंदर यानि 6 मई तक मृतक के पिता अमरनाथ पोद्दार को दस लाख मुआवजा राशि अदा करें। लेकिन सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को दर किनार कर दिया।
17 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो राज्य सरकार के अधिवक्ता के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि मुआवजा राशि देने के आदेश के विरूद्ध, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएसपी दायर किया है। संबंधित कागजात, सुनवाई की दूसरी तिथि 18 मई को प्रस्तुत करेंगे। लेकिन 18 मई को राज्य सरकार के अधिवक्ता कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके और एक नया बहाना बनाया। जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
अगली तिथि 19 मई को राज्य सरकार के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में मुआवजा आदेश पर पुनः विचार करने कि दलील दी जिसे नजर अंदाज करते हुए कोर्ट ने हिदायत दी की मुआवजा राशि देने में सरकार विलम्ब ना करे।
उन्होंने बताया कि कोर्ट ने ससमय एवं विधि संगत ढंग से जांच रिपोर्ट सर्मपित ना करने को लेकर बीते मंगलवार को हाई कोर्ट ने सीआईडी के एडीजी को बुधवार को वर्चुअल मोड में हाई कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने सीआईडी टीम के अनुसंधान में कई कमियों पाई और उसे शीघ्र ही दूर करनें का आदेश सीआईडी एडीजी को दिया है।
उन्होंने बताया कि सीआईडी एडीजी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले मे शीघ्र ही मुंगेर के तत्कालीन एसपी लिपि सिंह से पूछताछ की जाएगी एवं तत्कालीन मुफस्सिल थाना अध्यक्ष ब्रजेश सिंह की गिरफ्तारी होगी।
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