कितने दिनों के बाद लें वैक्सीन का दुसरा टिका, रहेगा सेहत के लिए फायदेमंद
देश- विदेश। भारत में कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच पहले चार से छह हफ्तों का अंतर, फिर इसे छह से आठ या 12 हफ्ते किया गया, जबकि ब्रिटेन में इस अंतराल को कम किया गया है, ऐसे में आम आदमी का भ्रमित होना लाजमी है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि चिंता की कोई खास जरूरत नहीं है और पहली खुराक के छह महीने के भीतर दूसरी खुराक प्रभावी रूप से फायदेमंद है।
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह की अनुशंसा पर सरकार ने पिछले हफ्ते कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल को आठ हफ्ते की पिछली सीमा से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया। इसके एक दिन बाद ब्रिटेन ने अपने यहां भारतीय मूल के बी.1.617 स्वरूप के प्रसार के मद्देनजर अपने यहां इस अंतराल को 12 हफ्तों से घटाकर आठ हफ्ते कर दिया था।पहली खुराक के बाद एक बार चार हफ्ते की अवधि पूरी होने पर छह महीनों तक अगली खुराक कभी भी दी जा सकती है।वैज्ञानिकों के मुताबिक टीके की खुराक सुरक्षित हैं और इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे कब दी गईं अलबत्ता उनका तब ज्यादा 'असर' नहीं होगा अगर वे पहली खुराक लेने के एक महीने के अंदर दी जाती हैं।
नयी दिल्ली स्थिति राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) के रथ ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'इसलिये टीके की खुराक कोविड-19 से उबरने या पहली खुराक लेने के कम से कम एक महीने बाद कभी भी ली जा सकती है।'उन्होंने बताया, 'दूसरा, टीके की खुराक पहली खुराक लेने के छह महीने के अंदर किसी भी समय दिये जाने पर अच्छा प्रभाव देते है। इसलिये दूसरी खुराक या कोविड-19 से उबरने के बाद पहली खुराक, चार हफ्ते से पहले नहीं ली जानी चाहिए।'
रथ ने कहा कि एनटीएजीआई ये अनुशंसाएं साक्ष्यों के आधार पर कर रहा है और व्यवहारिक कदमों में मदद देने की कोशिश कर रहा है।भारत द्वारा कोविशील्ड की खुराक के बीच अंतर बढ़ाए जाने के समय ही ब्रिटेन द्वारा इस अंतराल को घटाए जाने पर प्रतिरक्षा विज्ञानी विनीता बल ने कहा कि यह फैसले जमीनी हकीकत के आधार पर लिये गए हैं और 'इसका हां या न में कोई जवाब नहीं होता' कि इससे नए स्वरूप को बेहतर तरीके से संभालने पर कोई असर होगा या नहीं।
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