ब्लैक फंगस की चपेट में आने वाले मरीजों के उपचार को लेकर मुख्यमंत्री सख्त
यह टीम टेलीमेडिसिन के जरिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पताल के चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर रही है।जिलों में ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ और सर्जन मौजूद है। ऐसी स्थिति में ब्लैक फंगस की चपेट में आने वाले मरीजों का संबंधित जिले में ही उपचार किया जा सकता है। जिन चिकित्सकों को विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श की जरूरत पड़ रही है वह सलाह भी ले रहे हैं।
मेडिकल कॉलेजों में 72 घंटे का बैकअप
उतर प्रदेश में अपनाई गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को नीति आयोग द्वारा सराहा गया है। रीफिलर और मेडिकल कॉलेजों में अब 48-72 घंटे तक का ऑक्सिजन बैकअप हो गया है। होम आइसोलेशन के मरीजों को कल 32 एमटी ऑक्सीजन आपूर्ति की गई। बीते 24 घंटों में 882 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है। ऑक्सीजन वेस्टेज रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाएं। ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
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