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    माता- पिता के मौत के बाद बाईस लाख रुपये हड़पने के लिए बच्चों को बनाया बंधक


    रामपुर बुजुर्ग, देवरिया। बांसगांव संदेश (रामाश्रय यादव)

    वाराणसी। जिला बाल संरक्षण इकाई ,चाइल्ड लाइन व पुलिस की संयुक्त पहल से पांच अनाथ बच्चों को बुधवार को रेस्क्यू किया गया। मामले के बारे में बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने बताया कि फोन के माध्यम से उन्हें सूचना मिली कि पांच बच्चे हैं, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है। उनकी चचेरी दादी द्वारा संकुलधारा के पास एक किराये के मकान में रखा गया है। बच्चों के बारे में पूछने पर महिला द्वारा बताया गया कि वह बच्चों की अच्छे से देखभाल करती है। जबकि आसपास के लोगों का कहना था कि वह बच्चों की कभी भी सही से देखभाल नहीं करती है।

    सूचना मिलने के बाद मामली की सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी को दी गई।
    इसके बाद जिला बाल संरक्षण इकाई से राजकुमार, वंदना श्रीवास्तव, चाइल्ड लाइन से घनश्याम व सुनीता व पुलिस की टीम बनाकर दादी के घर जाकर बच्चो को रेस्क्यू करने की कार्यवाही की गई। बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा खोजंवा पुलिस चौकी प्रभारी से बात कर टीम के साथ जाकर उनकी मदद करने का निर्देश दिया गया।

    टीम के वहां पहुंचने पर पता चला कि बच्चों के पिता की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। मां की बीमारी के कारण कुछ दिन पहले ही मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, बच्चों के दादा आस्ट्रेलिया में रहते हैं, बेटे के जीवित रहने पर उन्होंने लगभग 22 लाख रुपये घर बनवाने के लिए भेजे थे। पिता की मृत्यु होने पर बच्चों की मां नामिनी जो उनके साथ रहती थीं, उनकी भी मौत हो गई।
    इसके बाद चचेरी दादी व उनके घर वाले उस पैसे को हड़पने के फिराक में थे। लेकिन बैंक में आवश्यक दस्तावेज न दिखा पाने के कारण बैंक ने पैसा नहीं निकालने दिया। इस पैसे के अतिरिक्त मृत माता-पिता के नाम एलआईसी की पॉलिसी भी थी। जब टीम मौके पर पहुंची तो पता चला कि एक बच्ची को चचेरी दादी ने पड़ोसी की बेटी को दे दिया था।
    टीम ने उस बच्ची और अन्य चार बच्चों को रेस्क्यू कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया। इसके साथ ही बैंक पासबुक जिसमें 22,97,949.65 रुपये थे। इसके अतिरिक्त एलआईसी पॉलिसी के दस्तावेज थाने में जीडी कराते हुए पूरी लिखा पढ़ी के बाद माल खाने में सुरक्षित रखवाया गया है। सभी बच्चे सुरक्षित हैं, सबसे बड़ी बच्ची(15), दूसरा 11 वर्ष, तीसरा 7 वर्ष, चौथा 5 वर्ष व सबसे छोटा 1 वर्ष का है। रेस्क्यू किए गए बच्चों में कुल 3 लड़कियां और दो बच्चे है। सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन में रखा गया है। कोरोना टेस्ट कराने के बाद बच्चों के लिए निर्धारित क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।

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