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    उत्तर प्रदेश रजिस्ट्रार कानूनगो संघ ने एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन





    गोरखपुर। उत्तर प्रदेश रजिस्टार कानूनगो संघ ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन।
         राजस्व निरीक्षक उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में एडीएम सिटी राकेश कुमार श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश रजिस्टर कानूनगो संघ( राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त) के बैनर तले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ज्ञापन के माध्यम से मांग किया है कि राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति करते हुये रिक्त 600 कोटे को अविलम्ब भरा जाए। उमेश दुबे ने बताया कि नायब तहसीलदार के पदोन्नति से भरे जाने वाले 600 पद रिक्त हैं और प्रदेश की कई तहसीलों में एक भी नायब तहसीलदार कार्यरत नहीं हैंं। जनपद गोरखपुर में नायब तहसीलदार के कुल 27 पद सृजित हैं जिसमें से नायब तहसीलदार के 19 पद रिक्त हैं जिसके कारण जहां एक ओर शासन की मंशा के अनुरूप भूमि विवादों, राजस्व वादों एवं अन्य जन शिकायतों व भू राजस्व की वसूली आदि कार्य समय नहीं हो पा रहे हैं साथ ही पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों में निराशा एवं कुंठा की भावना व्याप्त हो रही है।   नायब तहसीलदार सेवा नियमावली नियम 5 (2) में निर्धारित शासनादेश 18 अप्रैल 2012 के प्रस्तर-2  में प्रविधनित 
     व्यवस्था के विपरीत एक ही संवर्ग( राजस्व निरीक्षक) की पदोन्नति हेतु दोहरी व्यवस्था रजिस्ट्रार कानूनगो संवर्ग  संविलियन  द्वारा राजस्व निरीक्षक बनाये गये  कर्मिको को 9% व शेष राजस्व निरीक्षक हेतु 41% तक बनाए जाने से नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति में ज्येष्ठता  उल्लंघन होने की विसंगतिपूर्ण स्थिति बन गई है जिसके कारण नायब तहसीलदार सेवा नियमावली के नियम-16  का भी उल्लंघन हो रहा है ।उक्त विसंगति के निराकरण हेतु संघ वर्ष 2015 से लगातार प्रयासरत है और प्रमुख सचिव, राजस्व अपर प्रमुख सचिव के साथ संघ 
     दिनांक 26/ 2/ 2016, 17/ 10/ 2018, 10/8/2019 को हुई बैठक में भी उक्त विसंगति को दूर करने पर सहमति बनी। तदनुसार 
    दिनांक 8 मार्च 2016, 25/10/ 2018 व 10/ 8/ 2019 को पत्र जारी कर एवं कई अनुस्मारक पत्रों के माध्यम से राजस्व परिषद को नायब तहसीलदार सेवा नियमावली को उक्त विसंगति को दूर करने हेतु नियमावली में संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
    किंतु दुर्भाग्यवश शासन की बार-बार पत्राचार के बावजूद राजस्व परिषद द्वारा वांछित प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराया गया और इसी विसंगति के कारण उक्त पद विगत 5 वर्षों से रिक्त चल रहे हैं जबकि राजस्व निरीक्षक पद से नायब तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति  होने से सरकार पर किसी प्रकार का वित्तीय भार  नहीं बढ़ेगा जिसे प्रदेश सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) की  ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति की कार्रवाई करना उचित होगा।

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