घाघरा के संजय सेतु में पड़ीं दरारें
बहराइच। बाँसगांव संदेश (बी0एन0 सिंह)संजय सेतु के ज्वांइटों में आई दरार से नेपाल और बहराइच का आवागमन किसी भी समय बंद हो सकता है। इस पुल से प्रतिदिन हजारों की संख्या में वाहनों के गुजरने से दरारें और गहराती जा रही हैं। लोहे की सरिया और एंगल भी टूट रहे हैं। इससे किसी भी समय कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
जानकारी मिलते ही कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। वाहनों को कॉशन लगाकर निकाला जा रहा है। इसके पहले 22 फरवरी को आई दरार के चलते दो दिनों तक मरम्मत का काम चला था और मार्ग को परिवर्तित करना पड़ा था।
लखनऊ-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग से श्रावस्ती व नेपाल जुड़ता है। इस राज्य मार्ग पर संजय सेतु के दो जोड़ों में दरारें ज्यादा बड़ी हो गई हैं।
जिस समय वाहन निकलते हैं, उस समय पुल में लगी लोहे की सरिया व एंगल भी कंपन करने लगते हैं। अन्य जोड़ों में हल्की दरारें हैं और संजय सेतु की पूर्व की ओर अप्रोच में बड़ा गड्ढा भी हो गया है। इस गड्ढे से बचाकर वाहन को ड्राइवर निकालते हैं।
संजय सेतु से हजारों वाहन लखनऊ व बाराबंकी से श्रावस्ती, नेपाल, बलरामपुर और गोंडा के लिए गुजरते हैं। फरवरी में भी ज्वाइंटों में ददारें आई थीं जिसकी मरम्मत पीएनसी संस्था द्वारा एनएचएआई की देखरेख में हुई थी। यदि समय रहते मरम्मत न हुई तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
करीब चार साल पहले इसी पुल के ज्वाइंटों में आई दरार के चलते गैर प्रांत से आ रही एक तेज रफ्तार डीसीएम अनियंत्रित होकर रेलिंग को तोड़ते हुए सरयू नदी में गिर गई थी। इस डीसीएम में सवार बिहार के कई लोगों की डूब कर मौत हो गई थी। यहां तक कि हादसे के बाद एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम द्वारा भी काफी प्रयास करने पर डीसीएम को निकाला नहीं जा सका था। इस हादसे के बाद भी जिम्मेदार इस पर गंभीर नहीं हैं।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक एनएन गिरी ने बताया कि संजय सेतु के ज्वाइंटों में दरारें आईं हैं। जानकारी हुई है। सोमवार से मरम्मत का काम जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में कराया जाएगा। इस पर बराबर निगरानी रखी जा रही है।
संजय सेतु से हजारों वाहन लखनऊ व बाराबंकी से श्रावस्ती, नेपाल, बलरामपुर और गोंडा के लिए गुजरते हैं। फरवरी में भी ज्वाइंटों में ददारें आई थीं जिसकी मरम्मत पीएनसी संस्था द्वारा एनएचएआई की देखरेख में हुई थी। यदि समय रहते मरम्मत न हुई तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
करीब चार साल पहले इसी पुल के ज्वाइंटों में आई दरार के चलते गैर प्रांत से आ रही एक तेज रफ्तार डीसीएम अनियंत्रित होकर रेलिंग को तोड़ते हुए सरयू नदी में गिर गई थी। इस डीसीएम में सवार बिहार के कई लोगों की डूब कर मौत हो गई थी। यहां तक कि हादसे के बाद एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम द्वारा भी काफी प्रयास करने पर डीसीएम को निकाला नहीं जा सका था। इस हादसे के बाद भी जिम्मेदार इस पर गंभीर नहीं हैं।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक एनएन गिरी ने बताया कि संजय सेतु के ज्वाइंटों में दरारें आईं हैं। जानकारी हुई है। सोमवार से मरम्मत का काम जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में कराया जाएगा। इस पर बराबर निगरानी रखी जा रही है।
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