द्वितीय विश्वयुद्ध के पेंशनर का निधन, पुलिस सम्मान के साथ दफनाया गया
खेत में शव दफनाने को लेकर हो गई थी तनातनी, अफसरों के पहुंचने पर सुलझा मामला
ब्रह्मपुर गोरखपुर। बाँसगाँव सन्देश। झंगहा इलाके के लक्ष्मीपुर गांव निवासी 108 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुसैयद अली का बुधवार को सुबह लगभग 10:30 बजे निधन हो गया। गुरुवार को परिजन अपने ही खेत में दफनाना चाहते थे लेकिन ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि कब्रिस्तान लेकर जाए। बाद में पुलिस अफसर चार थाने की फोर्स और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर सम्मान के साथ दफनाया गया।
जानकारी के मुताबिक, मुसैयद अली के परिजन गांव के ही बगल में अपने निजी जमीन में दफन करना चाहते थे, लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध करने लगा। वह कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कहने लगे। इसी बात को लेकर मुसैयद अली और गांव के लोगों से कहासुनी होने लगी जिसकी भनक स्थानीय प्रशासन को लग गई। मामला दो समुदायों के बीच का होने के कारण और उसपर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के नाते स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। घंटों मान मनौवल के बाद गांव से दूर उन्हीं के खेत में पुलिस सम्मान के साथ मुसैयद अली के मृत को दफनाया गया।
मुसैयद अली प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में दुश्मनों से लोहा लिए थे। सेना में उनकी भर्ती 1943 में हुई थी देश आजाद होने के बाद रावलपिंडी से 1947 में इनको घर भेज दिया गया था।
इस दौरान एसपी नार्थ मनोज अवस्थी, सीओ चौरीचौरा कुलदीप तिवारी, एसडीएम चौरीचौरा अनुपम मिश्रा, तहसीलदार वीरेंद्र गुप्ता, नायब तहसीलदार अलका सिंह भारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
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