हक़ की लड़ाई लड़ना मजबूरी नहीं जरूरत:: जमीयतुराईन
गोरखपुर//कहते है की एकता में ही शक्ति है अगर एकता नही तो इसका फायदा हमेसा दूसरे उठाते रहे है शायद यही वजह रही है की आजादी से लेकर अब तक तमाम राजनीतिक दलों ने मुस्लिमों और दलितों का फायदा उठाया है और इनके वोट पर सत्ता की मलाई खाते आ रहे है लेकिन अब वक्त बदल रहा है अब समाज का वो तबका भी सामने आ रहा है जिसको हमेसा राजनीतिक दलों ने छला है। हम बात कर रहे जमीयतुराईन की जो इन दिनों उत्तर प्रदेश में बहुत तेज़ी से अपने संगठन के लिए काम कर रहा है जिसको लेकर आगामी विधानसभा 2022 के चुनाव में अपने वजूद को समाज के सामने लाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है अगर ये समाज विधानसभा में चुनावी मैदान में उतरता है तो बड़े बड़े राजनीतिक दलों का समीकरण बिगाड़ सकता है। उत्तर प्रदेश जमियतुर्राइन की एक अहम मीटिंग प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक (पहलवान) की अध्यक्षता में सफ़ेदाबाद कोल्ड स्टोरेज, सफ़ेदाबाद बाराबंकी में आयोजित हुई जिसमें कोविड19 के नियमों का पूरा पालन करते हुए सभी मेंबरों एवं ओहदेदारों ने हिस्सा लिया। मीटिंग की शुरुआत आयते करीमा से हुई और कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद आरिश राईन ने किया कार्यक्रम में वक्ताओं ने जमीयत से मुताल्लिक अपने अपने विचारों को साझा किया। जिसमें राईन समाज की हो रही अनदेखी पे जमीयत ने ज़ोरदार विरोध किया तथा अपने सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनैतिक सम्भावनाओं को टटोलने और अपनी कमियों को दूर करने पर विशेष चर्चा की। जमीयत के प्रदेशअध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक राईन ने इस बात पर बेहद अफ़सोस ज़ाहिर किया कि जिस देश को हमारे पूर्वजों ने अपना खून दे कर आज़ादी दिलाई, जिस देश के गोशे-गोशे को हमने अपनी मेहनत और पसीना बहा कर सिंचा आज उस देश में हमारी हालत बेहद बत्तर होती जा रही है लेकिन समाज या किसी भी सरकार ने हमारी स्थिति की तरफ देखना भी गंवारा नहीं समझा। लेकिन ख़ामोशी और इंतजार की भी एक हद होती है जो अब पूरी तरह से टूट चुकी है। अब हम भी राजनीति में अपनी हिस्सेदारी से कम में मानने वाले नहीं हैं। सरकार हो या विपक्ष हमें भी अपनी लड़ाई लड़ना आता है जिसके लिए अब हम पूरी तरह से तैयार हैं। जमियतुर्राइन के प्रदेश महासचिव शमशाद राईन ने जमीयत के 29 सूत्रीय प्रस्ताव को पढ़ते हुए साफ कर दिया कि अब राईन समाज सरकार या किसी दल पे निर्भर ना रह कर पूरी मज़बूती के साथ आगे बढ़ चुका है और ना सिर्फ अपने समाज ब्लकि अन्य पिछड़े अल्पसंख्यकों और दलितों की शिक्षा के स्तर को भी सुधारने का काम करेगा जिससे समाज के अन्य शोषित वर्गों को भी सामाजिक न्याय दिलाया जा सके। कार्यवाहक अध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि देश की ज़्यादातर फल वा सब्जी मंडियों में राईन समाज की भागीदारी व्यापारी के रूप में सरकार को राजस्व अदा करती हैं बावजूद इसके हर जगह इनकी उपेक्षा की जाती है बैठक में सर्व सम्मति से पास किया गया कि प्रदेश के हर जिले में संगठन को मजबूत करके अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद करेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं
thanks for comment...