गोरखपुर में कोरोना संकट के बीच इंसेफेलाइटिस की दस्तक
इंसेफेलाइटिस के अब तक 20 मरीज मिले, चार की मौत
गोरखपुर। बांसगांव संदेश। गोरखपुर में कोरोना महामारी के बीच इंसेफेलाइटिस की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। इस साल (जनवरी) से अब तक इंसेफेलाइटिस के 20 मरीज मिल चुके हैं। जबकि चार की मौत भी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंसेफेलाइटिस से पीड़ित से बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत है। इनमें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है।
बीआरडी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. भूपेंद्र शर्मा बताते हैं कि इंसेफेलाइटिस के बीच अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है और उसमें बच्चे संक्रमित होते हैं, तो मुश्किलें बढ़ेंगी। इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों का इम्युन सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में संक्रमण का खतरा भी अधिक रहेगा। लिहाजा, विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
वहीं, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि मेडिकल कॉलेज हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। तीसरी लहर से पहले ही मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लिए अलग से 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनकर तैयार है। रही बात इंसेफेलाइटिस की तो उसके अलग वार्ड बनाए गए हैं। इन वार्डों में मरीजों का इलाज चल भी रहा है।
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