शिकायत करने पहुंचे लेखपाल को पुलिस कर्मियों ने पीटा
बहराइच । बाँसगांव संदेश (बी0 एन0 सिंह) बीमार बेटे का इलाज कराकर लौट रहे लेखपाल से रोडवेज बस परिचालक ने उतारने को लेकर अभद्रता कर दी जिसकी शिकायत बीमार बेटे को लेकर लेखपाल कोतवाली में करने पहुंचे। कोतवाली में मौजूद कोतवाल व पुलिसकर्मियों ने लेखपाल से अभद्रता की। विरोध करने पर पिटाई भी कर दी। घटना को मोबाइल में कैद कर रहे बेटे से छीनकर वीडियो भी डिलीट कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंचे लेखपाल संघ के पदाधिकारियों से भी कोतवाल ने अभद्रता की जिससे नाराज होकर लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने तहसील गेट पर धरना-प्रदर्शन कर कोतवाल को हटाने की मांग पर डटे रहे।
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तहसील मंत्री शिव कुमार यादव के बेटे की तबियत खराब है।
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तहसील मंत्री शिव कुमार यादव के बेटे की तबियत खराब है।
वह शुक्रवार को बेटे का इलाज कराने के लिए बहराइच मुख्यालय आए थे। इलाज कराने के बाद वह रोडवेज बस पर सवार होकर कैसरगंज की यात्रा करने के लिए निकले। आरोप है कि बस ड्राइवर ने कैसरगंज में बस स्टॉप न होने की बात कही, लेकिन जब बस कैसरगंज पहुंची तो लेखपाल ने बस रुकने के लिए आवाज लगाई। आरोप है कि इस पर बस परिचालक लेखपाल पर नाराज हो गया और गाली-गलौज देने लगा। बस परिचालक की अभद्रता से आहत होकर लेखपाल शिकायत करने कैसरगंज कोतवाली पहुंचे। तभी पीछे से बस परिचालक भी कोतवाली पहुंचे। आरोप है कि यहां पर मौजूद कोतवाल व अन्य पुलिसकर्मियों ने पूरी बात नहीं सुनी और लेखपाल से ही अभद्रता करने लगे। जब इसका विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने लेखपाल की पिटाई कर दी।
घटना की जानकारी मिलने पर संघ के तहसील अध्यक्ष पवन कुमार चौहान व अन्य लेखपाल थाने पहुंचे तो उनसे भी अभद्रता की गई और बनाए गए वीडियो को डिलीट करा दिया गया। आरोप है कि पुलिस ने उन्हे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। कोतवाल की इस अभद्रता से लेखपाल संघ में आक्रोश फैल गया और कोतवाल के खिलाफ सभी धरने पर बैठ गए। लेखपालों की मांग है कि कोतवाल को हटाया जाए और कोतवाल व बस परिचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। लेखपालों के धरने पर बैठने की सूचना पर एसडीएम व तहसीलदार मौके पर पहुंचे, लेकिन कोई भी लेखपाल मानने को तैयार नहीं था। लेखपालों की मांग है कि कोतवाल को हटाया जाए।
घटना की जानकारी मिलने पर संघ के तहसील अध्यक्ष पवन कुमार चौहान व अन्य लेखपाल थाने पहुंचे तो उनसे भी अभद्रता की गई और बनाए गए वीडियो को डिलीट करा दिया गया। आरोप है कि पुलिस ने उन्हे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। कोतवाल की इस अभद्रता से लेखपाल संघ में आक्रोश फैल गया और कोतवाल के खिलाफ सभी धरने पर बैठ गए। लेखपालों की मांग है कि कोतवाल को हटाया जाए और कोतवाल व बस परिचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। लेखपालों के धरने पर बैठने की सूचना पर एसडीएम व तहसीलदार मौके पर पहुंचे, लेकिन कोई भी लेखपाल मानने को तैयार नहीं था। लेखपालों की मांग है कि कोतवाल को हटाया जाए।
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