प्रो. हरे राम बने कुलपति, क्षेत्र में खुशी की लहर
कुशीनगर निवासी प्रो. त्रिपाठी को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी का कुलपति नियुक्त किया गया
कुशीनगर।क्षेत्र के गांव चकियां निवासी प्रो. हरेराम त्रिपाठी पूर्व संकायाध्यक्ष लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी का कुलपति बनाया गया है। क्षेत्रीय लोगों ने बखूबी ढंग से इस खुशी का इजहार किया।
किसान परिवार में जन्मे त्रिपाठी शुरू से ही प्रतिभाशाली व मेधावी छात्र रहे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय में हुई। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए बनारस चले गए। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से ही शिक्षा प्राप्त की। 1993 में उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के जम्मू परिसर में सहायक आचार्य सर्वदर्शन विभाग में हुई। 2001 में वह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में सह आचार्य के रूप में कार्य प्रारंभ किए। उन्होंने विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रशासनिक दायित्वों का भी निर्वहन किया। वह भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के सदस्य के रूप में कार्य कर रहें हैं। वे सीपीआर के गवर्निंग बाडी के सदस्य भी हैं। सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय गुजरात के एकडेमिक कौंसिल के सदस्य होने के साथ, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के प्लानिग बोर्ड के सदस्य भी हैं।
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