पार्टी के अंदरूनी कलह के चलते उम्मीदवारों का टूटा मनोबल
लखनऊ। दो दिन पहले लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के विधायकों की बगावत से स्थानीय स्तर पर भी पार्टी को झटका लगा है। पता चला है कि जो लोग बसपा से इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए उतावले थे, उन्होंने फिलहाल कदम पीछे खींच लिए हैं।
लोगों के बीच चर्चा है कि बसपा का जनाधार खिसकने की वजह से विधायकों ने बगावत की है। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी में प्रत्याशियों के चयन को लेकर पिछले समय जो मानक बनाए गए हैं, इस बार भी उन्हें लागू किया जा रहा है। इस वजह से भी लोग आने को तैयार नहीं हैं।
नए घटनाक्रम को देखते हुए जिला स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक भी शुरू कर दी गई है। कानपुर में भी अगले तीन दिनों में बैठक प्रस्तावित है।
बसपा की चुनावी रणनीति के हिसाब से ज्यादातर सीटों पर विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी एक वर्ष पहले ही घोषित कर दिए जाते थे।
इस बार इसमें देरी हो रही है। पार्टी के सेक्टर प्रभारी अशोक सिद्धार्थ का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव का इंतजार किया जा रहा है। इसी वजह से प्रत्याशियों की घोषणा में देरी हो रही है। विधायकों के बागी होने की बात पर उन्होंने कहा कि ये लोग पहले से ही पार्टी से निलंबित हैं।
इस बार इसमें देरी हो रही है। पार्टी के सेक्टर प्रभारी अशोक सिद्धार्थ का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव का इंतजार किया जा रहा है। इसी वजह से प्रत्याशियों की घोषणा में देरी हो रही है। विधायकों के बागी होने की बात पर उन्होंने कहा कि ये लोग पहले से ही पार्टी से निलंबित हैं।
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