माननीयों के गढ़ में कमल मुरझाया, आलाकमान की बढ़ी चिंताएं
समीक्षा में जो तथ्य सामने आए हैं, वह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले डरा रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के क्षेत्रों में हार की है।
गोरखपुर क्षेत्र से हैं नौ मंत्री
भाजपा गोरखपुर क्षेत्र से आजमगढ़, बस्ती और गोरखपुर मंडल के दस जिले जुड़े हैं। इन जिलों में विधानसभा की 62 सीटें हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से 44 सीटें जीती थी। इसी लिहाज से योगी मंत्रिमंडल में चार कैबिनेट व पांच राज्यमंत्रियों को जगह मिली है। इसमें से कुछ के पास स्वतंत्र प्रभार भी है।
मंत्रिमंडल के फेरबदल में दिखेगा चुनावी नतीजों का असर
योगी सरकार के मंत्रिमंडल में अगर फेरबदल हुआ तो जिला पंचायत चुनाव के नतीजों का असर दिखेगा। जिन मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उनका ओहदा कम किया जा सकता है। मंत्रिमंडल से हटाए भी जा सकते हैं। इससे चिंतित मंत्री अपनी कमजोरी को छुपाने में लगे हैं। पार्टी नेतृत्व से कह रहे हैं कि जिसे टिकट देने के लिए कहा गया, उसे सूची से बाहर कर दिया गया। हालांकि, ज्यादातर टिकट इनकी सिफारिश पर ही दिए गए थे। इसकी रिपोर्ट बनाकर पार्टी आलाकमान को भेजी जा रही है। संगठन की तरफ से बताया जा रहा है कि किस विधायक की सिफारिश पर किसे टिकट दिया गया था।
सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री (कैबिनेट मंत्री)
विधानसभा क्षेत्र- पथरदेवा, जिला- देवरिया
जिला पंचायत वार्ड-10, भाजपा जीती केवल एक (सुजीत प्रताप सिंह चुनाव जीते)
हार की वजह : स्थानीय कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद विधायक या कृषि मंत्री का विधानसभा क्षेत्र में आना-जाना कम हो गया। इससे नाराजगी बढ़ी है। इस क्षेत्र के ज्यादातर टिकट कृषि मंत्री की सिफारिश पर दिए गए थे, फिर भी पार्टी प्रत्याशियों को करारी हार मिली है। पार्टी आलाकमान को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि मंत्री विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं। भाजपा नेता, कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जनहित से जुड़े मामलों का सही ढंग से निपटारा नहीं होता है। लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं, लेकिन बेटे सुब्रत शाही को पथरदेवा का ब्लॉक प्रमुख बनवाने की मुहिम में ही जुटे हैं। परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी हैैं।
चिंता : नाराजगी का यही आलम रहा तो आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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