खेती करने गए और बाढ़ से घिर गए
कुशीनगर।गंडक नदी के दियारा में बसे विंध्याचलपुर गांव में खेती बारी करने गए करीब 150 लोग नदी में तेजी से जलवृद्धि होने के कारण वहीं पर फस गए। ग्राम प्रधान की पहल पर बड़ी नाव से करीब 100 लोगों बाहर निकाला गया है। ये लोग अपना घर दूसरी जगह बना लिये है लेकिन खेती के चलते विंध्याचलपुर गांव में भी उनके कच्चे घर हैं। सूत्रों से मिले हुवे सूचना के आधार पर वहा करीब 150 ग्रामीण जिसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे वे यहां मौजूद थे। देर रात तक अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव में बाढ़ आ गई। पानी लोगों के घरों व स्कूल में भर गया। गांव के लोग स्कूल समेत ऊंचे स्थान पर शरण ली। अगले दिन इसकी जानकारी होने पर शाहपुर नौका टोला गांव के प्रधान पुत्र संतोष राय के सहयोग से बड़ी नाव लेकर ग्रामीण पहुंचे और महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत लगभग 100 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया। बाकी लोगों को लाने के लिए बृहस्पतिवार को सुबह पुन: नाव गयी थी, और सभी लोग सकुशल वापस घर आ गये। तहसील प्रशासन इन लोगों से संपर्क स्थापित करके अन्य और मदद करने के प्रयास में लग गया है। प्रधान पुत्र संतोष राय ने बताया कि दियारा गांव में फंसे लगभग 150 लोगों को नाव से वापस लाया गया है और ये लोग लक्ष्मीपुर पड़रहवा के पास रहते हैं।
विंध्याचलपुर गांव के लोगों ने बरसात के मौसम में बार-बार कटान से बचने के लिए गंडक नदी के दायीं तरफ लक्ष्मीपुर पड़रहवा गांव के पास शाहपुर नौका टोला के नाम से नई बस्ती बना ली है। लेकिन खेती करने के लिए लोग दियारा के पुराने जमीन पर ही आश्रित हैं। विंध्याचलपुर गांव में सरकारी स्कूल भी मौजूद है। यहां लोग फूंस का घर बनाकर अस्थाई निवास करते हैं।
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