मिल की संपत्ति को सील करने तथा किसानो, मजदूरों व कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने के लिए तहसीलदार को ज्ञापन दिया
गोरखपुर। 30 जून 2021 । चौरी-चौरा स्थित सरैया चीनी मिल की संपत्ति को अवैध रूप से कब्ज़ा कर रह रहे मीजिठिया परिवार के लोगो से कब्ज़ा मुक्त कराने व मिल की संपत्ति को सील करने तथा किसानो, मजदूरों व कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने हेतु उपजिलाधिकारी चौरी-चौरा की अनुपस्तिथि में उनसे वार्ता कर ज्ञापन तहसीलदार चौरी-चौरा को सौप कर एक हफ्ते में कार्यवाही करने की मांग किया अन्यथा हजारो किसानो मजदूरों के साथ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।
सरैया चीनी मिल सरदारनगर बंद है और मिल की संपत्ति नीलामी में है तथा उच्च न्यायालय के निर्देश पर नीलामी की प्रक्रिया चल रही है लेकिन नीलामी नहीं हो पाई है और हजारों किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों का लगभग रुपया 100 करोड़ फंसा हुआ है।
ज्ञात हो कि सरैया चीनी मिल पर किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है कुछ भूमाफिया और अन्य लोगों की मिलीभगत से आपदा में अवसर खोज सरैया चीनी मिल की जमीनों को चोरी-छिपे अवैध ढंग से बेचने का कार्य कर रहे थे जिसपर हमने तत्कालीन उपजिलाधिकारी श्री पवन कुमार को ज्ञापन प्रेषित कर शिकायत किया था और जांच हुई थी जिसमे हमारी शिकायत को सही पाया गया था और दोषियों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज हुआ।
हमारे संज्ञान में आया है कि मीजिठिया परिवार और कुछ अन्य लोग अभी भी नीलामी के लिए अधिकृत संपत्ति पर अवैध ढंग से अपना कब्जा जमाये हुए है और अपना निवास बना ऐशोआराम कर रहे है। जिससे मिल की नीलामी में आने वाले लोग भी भड़क रहे है और खुल कर बोली नहीं लगा पा रहे है परिणामस्वरूप मिल की नीलामी प्रभावित हो रही है और हजारो किसानो-मजदूरों का बकाया भुगतान नहीं हो पा रहा है।
आज उपजिलाधिकारी की अनुपस्तिथि में उनसे वार्ता कर ज्ञापन तहसीलदार चौरी-चौरा को सौप कर माँग किया कि उपरोक्त का संज्ञान लेते हुए तत्काल अवैध रूप से कब्ज़ा कर रह रहे लोगो से कब्ज़ा खाली करा मिल की संपत्ति को सील कर प्रशासन अपने कब्जे में लेकर मिल की नीलामी प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू कर किसानों का बकाया गन्ना मूल्य और मजदूरों का वेतन भुगतान कराया जाए।
ज्ञापन देने वालो में प्रमुख रूप से बनारसी सिंह, श्रीश दुबे, ओमप्रकाश मिश्रा, विंध्याचल यादव, परमजीत सिंह, हर्मेंद्र सिंह, बसंत यादव, राम प्रशाद शर्मा, गुलाब गुप्ता, वीरबहादुर शर्मा, विश्वनाथ कोहार, ओंकार, रमेश चंद्र श्रीवास्तव, राजन यादव, रामसेवक लोहार, हरिमूरत उपाध्याय, नवीन कुमार जेम्स, सिद्धनाथ सिंह, रामप्रवेश, आधा सिंह, जय प्रकाश यादव, रणजीत बाघे आदि शामिल थे।
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