संसाधन के अभाव में रेफर कर दिए जाते हैं मरीज
कुशीनगर।कसया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सामान्य दवाएं तो उपलब्ध हैं, लेकिन जब बात आती है इमरजेंसी की तो डाक्टर तुरंत रेफर का कागज बनाना शुरू कर देते हैं। वजह यह है कि इमरजेंसी दवाएं एवं सुविधाएं नदारद हैं। केवल सामान्य प्रसव ही यहां होते हैं, शेष को जिला अस्पताल का रास्ता दिखा दिया जाता है।
यह हाल तब है जब प्रसव कराने के लिए सात स्टाफ नर्स की नियुक्ति हैं। इसी तरह जांच की बात करें तो पैथालाजी लैब व लैब टेक्नीशियन भी हैं। एक्स-रे मशीन है। दो स्टाफ भी हैं। जब मरीज को एक्स-रे कराना होता है तो कभी लाइट व कभी प्लेट कमी का हवाला दिया जाता है। गर्भवतियों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए डाक्टर द्वारा स्लिप देकर उस पर अंकित केंद्र पर भेजा जाता है, जहां मुंह मांगें दामों पर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है।
गुरुवार को जब हमारे दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता सीएचसी पहुंचे तो सात डाक्टरों के स्थान पर सिर्फ तीन चिकित्सक ओपीडी में थे। कुछ मरीज अपने बच्चों को लेकर इलाज के लिए आए थे, लेकिन डाक्टर के अभाव में उन्हें लौटना पड़ा। फार्मासिस्ट राकेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि सामान्य दवाओं के साथ एंटी रैबिज एवं कोविड वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
देवरिया के तरकुलवा ब्लाक के गांव महुआरी से आए हिमांशु यादव ने बताया कि अपनी मां गीता देवी के साथ इलाज कराने आया हूं। दो घंटे से बैठ कर डाक्टर का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बच्चों के डाक्टर नहीं मिले। अब वापस घर जाना पड़ेगा।
नगर के वार्ड नंबर 13 रामजानकी नगर की मीना देवी ने बताया कि वह गर्भवती हैं। महिला चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड का परामर्श दी हैं। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं होने से बाहर अधिक पैसा देकर जांच कराना मजबूरी है।
अधीक्षक डा. नीलकमल ने कहा कि कुछ चिकित्सकों की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगी है। इस वजह से थोड़ी परेशानी है। बाकी जो डाक्टर हैं वह अपनी सेवा दें रहें हैं। बच्चों के लिए भी दो डाक्टरों की तैनाती है। अल्ट्रासाउंड मशीन लगवाने के लिए भी डीएम व सीएमओ को अवगत कराया गया है। शीघ्र ही बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।
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