प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने से हाईकोर्ट का इनकार, ठोका जुर्माना
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लिव-इन में रहे जोड़े को सुरक्षा देने से इंकार करने का बड़ा मामला सामने आया है। हाईकोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर इस तरह से लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को साथ रहने और सुरक्षा देने की अनुमति दे दी जाएगी तो इससे पूरा सामाजिक ताना-बाना ही बिगड़ जाएगा, इसलिए संरक्षण देने का कोई आधार नहीं बनता। कोर्ट ने प्रेमी युगल की सुरक्षा देने की मांग की याचिका को खारिज करते दोनों पर 5 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 'दोनों याची वयस्क हैं, तो क्या हम इन लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं, जो ऐसा करना चाहते हैं जिसे हिंदू विवाह अधिनियम के जनादेश के खिलाफ कहा जा सकता है।"
प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने से हाईकोर्ट ने किया इनकार
बता दें कि घर से भागे हुए जोड़े में लड़की पहले से ही शादीशुदा है।
पीठ ने कहा कि मामले में कोई प्राथमिकी भी नहीं है इसलिए, हम यह समझने में विफल हैं कि इस तरह की याचिका से समाज में अवैधता की अनुमति कैसे दी जा सकती है। ऐसे में रिट याचिका को पांच हजार के अर्थदंड के साथ खारिज किया जाता है।
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