मेडिकल कॉलेज में पुलिस का पहरा, छः एम्बुलेंस कर्मी गिरफ्तार
इसके साथ ही पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए कर्मियों में जीवनदायिनी स्वास्थ्य संगठन के महामंत्री नसीम अहमद, अमित सिंह, संतोष यादव, अमित पांडेय, केशरीनंदन, संतोष शामिल हैं।
एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल से जाने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। इस अव्यवस्था का सीधा असर रोगियों-तीमारदारों पर देखने को मिला।जरूरतमंद एंबुलेंस के लिए फोन करते रहे, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई। ऐसे में जिला प्रशासन ने आपातकालीन व्यवस्था के मद्देनजर चालकों की व्यवस्था की है और एंबुलेंस की चाबियां भी उन्हें हस्तगत करा दी हैं। फिलहाल आज भी मरीजों को अस्पताल पहुंचने में दुश्वारियां का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने चालक के रूप में जिस नई कंपनी जिगित्जा से कांट्रैक्ट किया है, वह नए लोगों की भर्ती कर रही है। अपनी मांगों के समर्थन में एंबुलेंस कर्मी दिन भर नारेबाजी करते रहे। एंबुलेंस कमियों ने जिलाध्यक्ष संतोष पांडेय की अगुआई में कोतवाली पहुंचकर साथियों की गिरफ्तारी का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सरकार के दमन के प्रयास से एंबुलेंस कर्मियों के हौसले कम नहीं होंगे।
राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में नगरीय विकास अभिकरण के माध्यम से रखे गए स्टाफ नर्स ने अनुबंध के मुताबिक 18 हजार रुपये मानदेय देने की जगह 13 हजार रुपये देने और हटाने की साजिश का आरोप लगाया है। ज्ञापन में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए कोविड मरीजों का इलाज किया, उसके बावजूद कर्मचारियों को बाहर निकालने का रास्ता दिखाया जा रहा है। ज्ञापन भेजने वालों में सुनील मिश्र, रूपनारायण, सुषमा श्रीवास्तव, प्रियंका, सोनी श्रीवास्तव, असमत अली, आलोक, अमन यादव आदि शामिल थे।
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