गोरखपुर: कोरोना की तीसरी लहर के लिए दवा मंगाने से कतरा रहे व्यापारी, आर्थिक तंगी
- दूसरी लहर में कोरोना की दवा अधिक मात्रा में कर ली थी स्टाॅक
- जुलाई में कोरोना के मामले थमने से दवाओं की डिमांड भी हुई खत्म
- करोड़ों रुपए की दवाएं एक्सपायर होने के कारण के कगार में
- कंपनी ने कोरोना की दवाईयां वापस लेने से किया इनकार,कारोबारी सदमे में
गोरखपुर। बांसगांव संदेश।गोरखपुर का भलोटिया मार्केट पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी है। दूसरी लहर में कोरोना ने इस तरह कहर मचाया था कि दवा मार्केट में दवाओं की डिमांड भी बढ़ गई थी। इसको देखते हुए भलोटिया मार्केट के व्यापारियों ने कोरोना की सारी दवाएं अधिक मात्रा में स्टॉक कर ली थी
कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप देखते हुए गोरखपुर के दवा व्यापारियों नें रेमेडेसिवीर समेत कई मंहगी दवाएं अधिक मात्रा में मंगा ली थी। जुलाई में कोरोना के मामले थमने के साथ ही दवाओं की डिमांड भी खत्म हो गई।
व्यापारी अब दवा कंपनी से वो दवाएं जो दो महीने में एक्सपायर हो जाएगी उसे वापस करने की गुहार लगा रहे हैं। जबकि कंपनी ने दवा वापस लेने से मना कर दिया है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर के लिए व्यापारी दवा ऑर्डर करने से कतरा रहे हैं।
अचानक जून से ही कोरोना के केस बिल्कुल कम हो गए, जिसके बाद से दवाओं की खरीद भी बंद हो गई। वहीं रेमेडेसिवीर, फेबिफ्लू समेत करोड़ो रुपए की दवा व्यापारियों के यहां डंप पड़ी हुई है। इसमे से कुछ दवाएं दो महीने के अंदर एक्स्पायर हो जाएगी तो कुछ 4 से 6 माह में खराब हो जाएगी।व्यापारियों का करोड़ो रुपया कोरोना की दवा में फंसा है। जिससे व्यापारी आर्थिक तंगी में आ चुका है। ऐसे में अब दवा व्यापारियों को ये समझ में नहीं आ रहा है कि तिसरी लहर से निपटने हेतु दवाओं की डिमांड कैसे करें।
संजय उपाध्याय, अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन गोरखपुर
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