यूपी का पहला कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट मार्च-2022 तक होगा तैयार
यूपी का पहला कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट मार्च-2022 तक होगा तैयार, किसानों की आय के साथ रोजगार बढ़ाना है लक्ष्य हैं।उज्ज्वला योजना 02 की लांचिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में विश्व बायोफ्यूल दिवस पर की ओर सभी का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने गोरखपुर के धुरियापार में निर्मित किए जा रहे कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट का भी जिक्र किया। कहा कि यह बायो फ्यूल सिर्फ ईधन ही नहीं बल्कि किसानों और नौजवानों की आय का जरिया भी है। फिलहाल धुरियापार में 18 एकड़ में निर्मित हो रहा यूपी का पहला कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट मार्च 2022 से सेवाएं देने लगेगा। इस प्लांट पर 150 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा रही है। प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष रूप से 250 लोगों को रोजगार मिलेगा।
धुरियापार में फिलहाल सिविल वर्क शुरू है। 18 सितंबर 2019 को सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका शिलान्यास किया था। नाफेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की मदद से इसका निर्माण किया जा रहा है। यह प्लांट प्रतिदिन 15 से 20 टन बायोगैस उत्पन्न करेगा। इस प्लांट में वीपीएसए (वैक्यूम प्रेशर स्विंग एडसार्प्शन ) तकनीक का इस्तेमाल होगा। इस प्लांट में पराली, गन्ने की खोई, गोबर और हरे-गीले कचरे से मीथेन गैस बनाई जाएगी। इस गैस को कम्प्रेस कर सिलेंडर में भर दिया जाएगा। वाहनों में इस्तेमाल के लिए इसे इंडियन ऑयल के प्रेट्रोल पंपों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। गाड़ियों में इसका इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी सस्ता भी होगा। प्रोजेक्ट मैनेजर आशुतोष जोशी और उनकी टीम धुरियापार में सिविल वर्क जल्द से जल्द पूर्ण कराने में जुटी है।।
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