जर्मन कैदी मैनफ्रेड को मिली जेल से आजादी 7 साल से नशीले पदार्थ की तस्करी में काट रहा था सजा
गोरखपुर।मंडलीय कारागार गोरखपुर में सात साल से नशीले पदार्थों की तस्करी के जुर्म में जेल काट रहे जर्मनी के निवासी बैरेन्ड मैनफ्रेड को मंगलवार को गोरखपुर जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होते ही मैनफ्रेड की खुशी का ठिकाना ना रहा। जेल की चारदीवारी की कैद से आजाद होते ही वह खुशी से आसमान की ओर देखकर झूम उठा।
वर्ष 2014 में भारत-नेपाल सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी करते हुए मैनफ्रेड को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद से ही वह मंडलीय कारागार गोरखपुर में सजा काट रहा है।
क्या है प्रत्यर्पण संधि
भारत और जर्मनी के बीच हुए प्रत्यर्पण संधि के तहत मैनफ्रेड को उसके देश सौंपा जा रहा है। मैनफ्रेड बाकी बची हुई सजा अब अपने देश की जेल में काटेगा। प्रत्यर्पण संधि के तहत किसी दो देश के कैदियों को आपस में बदल दिया जाता है।
यदि कोई नागरिक किसी दूसरे देश में क्राइम करता हैं तो इस स्थिति में उस देश की पुलिस उसे अपने जेल में बंद रखता है। ऐसी स्थिति में कैदी अपने परिवार वालों से भी नहीं मिल पाता है। दो देशों के बीच आपसी समझौते के जरिए इन कैदियों को दोनों देश आपस में कागजी कार्रवाई के अनुसार बदल लेते हैं जिसमें कैदी अपनी बची हुई सजा अपने देश में काटता है।
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