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    अनीश हत्याकांड: दीप्ति-अनीश की अधूरी प्रेम कहानी का पूरा ब्योरा, जानिए हर कड़ी




    गोरखपुर ब्यूरो। बांसगांव संदेश। 2020 से ही चर्चा में आए ग्राम विकास अधिकारी दीप्ति मिश्रा और ग्राम विकास अधिकारी अनीस चौधरी की प्रेम कहानी को समाज की नजर लग गई। 24 जुलाई को गोला थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोपालपुर बाजार में ब्राह्मण दीप्ति मिश्रा से प्रेम विवाह करने वाले दलित युवक अनीश कुमार चौधरी की  दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। अनीश के परिजनों एवं पत्नी दीप्ति मिश्रा ने गगहा थाना क्षेत्र के देवकली गांव में रहने वाले दीप्ति के घरवालों पर अनीश की हत्या करने का आरोप लगाया।

    अनीश के घरवालों की माने तो अनीश की पत्नी दीप्ति मिश्र के परिजन इस शादी से खुश नहीं थे, इसलिए दीप्ति के घर वालों का अनीश की हत्या के पीछे हाथ है।

    वहीं दीप्ति के परिजनों का कहना है उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। दीप्ति द्वारा दिए गए 17 लोगों के नामजद तहरीर में से कई ने स्वयं थाने आकर सरेंडर कर दिया है।

    आपको बता दें की दीप्ति मिश्रा गोरखपुर ज़िले के गगहा थाना क्षेत्र के देवकली धर्मसेन गांव निवासी नलिन कुमार मिश्र की बेटी हैं।दीप्ति चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।उनकी दो बहनों और एक भाई की भी शादी हो चुकी है। उनका भाई उत्तर प्रदेश पुलिस में जिला श्रावस्ती में तैनात है। हालांकि घटना के समय वे ड्यूटी पर तैनात थे, लेकिन उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

    दीप्ति के पिता नलिन मिश्रा ने काफ़ी सालों तक दुबई में काम किया। वो अगस्त 2016 से देवकली धर्मसेन गांव के पास स्थित मझगांवां बाजार में रेडीमेड कपड़ों की दुकान चला रहे हैं।

    दीप्ति और अनीस वर्षों से से थे एक दूसरे के सहपाठी: गोरखपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से दीप्ति मिश्रा और अनीश ने एक ही बैच में एम.ए से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। हालांकि दोनों के विषय अलग अलग थे।अनीश प्राचीन इतिहास और दीप्ति ने समाजशास्त्र से एम.ए किया था। सन् 2017 में अनीश और दीप्ति का चयन गोरखपुर जिले में ही ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर हो गया।


    दीप्ति बताती हैं कि नौकरी लगने के बाद उनकी अनीश से पहली मुलाकात 9 फ़रवरी 2017 को गोरखपुर स्थित विकास भवन में हुई थी।साथ में प्रशिक्षण के दौरान दोनों और क़रीब आ गए। इसी दौरान दोनों के बीच मुलाक़ातों का सिलसिला बढ़ने लगा। देखते ही देखते दोनों के बीच प्रेम हो गया।

    दीप्ति बताती हैं, 
    मेरे और अनीश के प्रेम संबंध की भनक लगते ही मेरे परिवार वाले मुझे और अनीश को प्रताड़ित करने लगे। इसके बाद हमने कोर्ट मैरिज करने का फ़ैसला किया।मुझे लगा कि एक बार शादी हो जाने के बाद मेरे परिजन मेरी कहीं और शादी नहीं करवा पाएंगे।



    2019 में दीप्ति और अनीस ने कर लिया था कोर्ट मैरिज: 


    विवाह पंजीकरण कार्यालय, गोरखपुर सदर द्वारा दर्ज अभिलेख के अनुसार अनीश और दीप्ति ने 12 मई 2019 को कूड़ाघाट,गोरखपुर में शादी कर ली थी। 9 दिसंबर 2019 को दोनों की शादी को कोर्ट द्वारा मान्यता प्राप्त मैरिज रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी उपलब्ध है।


    दीप्ति बताती हैं-
    हम दोनों बालिग थे और नौकरी-पेशा थे, इसलिए हमें लगता था कि इस शादी का घरवाले विरोध नहीं करेंगे और अगर करेंगे भी तो हम उन्हें मना लेंगे। मैंने परिवार के सभी सदस्यों को काफ़ी समझाने-बुझाने की भी कोशिश की। लेकिन वो नहीं माने।

    दीप्ति मिश्रा बताती हैं, 
    मेरे और अनीश के अदालत द्वारा मान्यता प्राप्त शादी की बात पता चलते ही मेरे परिवार वाले मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने लगे।कभी पिता बीमार पड़ जाते थे तो कभी मां। पिता कहते थे, मुझे अटैक आ जाएगा और मैं मर जाऊंगा। जब मैं नहीं मानती थी तो मेरे परिवार वाले अनीश को जान से मार देने की धमकी देते थे। अनीश की सुरक्षा के लिए मुझे कई बार अपने घरवालों की बात माननी पड़ी और उनके कहे मुताबिक़ काम करना पड़ा. मैं अनीश को हर क़ीमत पर बचाना चाहती थी। इतने बड़े परिवार में किसी ने मेरा साथ नहीं दिया।


    अनीश के ख़िलाफ़ मुक़दमा:


    दीप्ति मिश्रा के अनुसार सन् 2020 के मध्य में पिता नलिन मिश्रा ने दीप्ति से अनीश के ख़िलाफ़ बलात्कार का मुक़दमा कर दिया था।

    दीप्ति ने बताया कि इस मामले में उन्होंने परिजनों के दबाव में अनीश के ख़िलाफ़ बयान दिया क्योंकि ऐसा ना करने पर वो अनीश की हत्या कर देने की धमकी देते थे।

    वर्तमान में गोला ब्लॉक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी दीप्ति मिश्रा बताती हैं,
    पिता, चाचा,चचेरे भाई समेत परिवार के सभी लोग हर जगह मुझ पर निगरानी करते थे। जब ड्यूटी के लिए खंड विकास कार्यालय जाती तो भी परिजन लाइसेंसी राइफ़ल लेकर उनके साथ जाते थे।

    दीप्ति बताती हैं कि जब अनीश के जेल जाने के लिए पुलिस द्वारा चार्जशीट लगा दी गई तो वो 20 फ़रवरी 2021 को अनीश के साथ रहने चलीं गईं। इसके बाद उनके पिता ने गगहा पुलिस थाने में अनीश पर दीप्ति के अपहरण का केस दर्ज कराया। जिसके बाद गोला और गगहा पुलिस द्वारा अनीश के परिजनों को कस्टडी में ले लिया गया था। जिसके बाद दीप्ति ने पति अनीश के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बताया था कि उनका अपहरण नहीं हुआ है और वो अपनी मर्ज़ी से अनीश के साथ रह रही हैं और दोनों ने शादी कर ली है।

    28 मई 2019 को धूमधाम से रचा ली शादी:


    अनीश के परिवार ने 28 मई 2021 को गोरखपुर के महादेव झारखंडी मंदिर में दोनों की शादी करा दी। उसी दिन गोरखपुर के अवंतिका होटल में रिसेप्शन भी हुआ।दोनों कार्यक्रमों में केवल अनीश के परिवार के सदस्य और उनके रिश्तेदार ही शामिल हुए थे। दीप्ति के पक्ष से कोई भी शादी में सम्मिलित नहीं हुआ था।

    शादी के बाद खतरे से अनजान थे अनीश :


    दीप्ति बताती हैं कि 
    शादी के बाद हम दोनों काफी खुश थे कि हम हमेशा के लिए साथ हो गए हैं। इसी बीच अनीश थोड़े लापरवाह भी हो गए थे। वे किसी भी तरह के घटने से पूरी तरह अनजान हो चुके थे। उन्हें लगता था कि यह अपना ही इलाक़ा है तो यहां कोई ख़तरा नहीं है, लेकिन यह लापरवाही भारी पड़ी।

    चार महीने की गर्भवती हैं दीप्ति: 


    अनीश की पत्नी दीप्ती के पेट में चार माह का गर्भ है। घटना के बाद उनकी सेहत खराब होने पर घरवालों ने उन्हें चिकित्सक को भी दिखाया है। रिश्तेदार और सगे संबंधित उन्हें किसी तरह समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

    अनीश के परीजन : अनीश का परिवार गोरखपुर के गोला थानाक्षेत्र के उनौली दुबौली गांव में रहता है। यह दलितों और पिछड़ों की अधिक आबादी वाला गांव है। इन्हीं की बदौलत अनीश के बड़े भाई अनिल चौधरी 10 साल तक इस गांव के ग्राम प्रधान रहे, वह भी तब जब ग्राम प्रधान का पद अनारक्षित था। साल 2015 में प्रधान का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया। तब अनिल ने अपनी पत्नी गीता देवी को चुनाव लड़वाया, वो जीतीं भी। हालांकि 2021 के प्रधान चुनाव में उनका समीकरण बिगड़ गया और कुछ वोटों से हार हो गई।


    अनीश के बड़े भाई अनिल

    अनिल बताते हैं,
     मैंने कई बार दीप्ति के परिवार वालों से मिलकर इस रिश्ते को मान्यता देने की बात की थी, लेकिन उन लोगों ने यह बात तो नहीं मानी, उल्टे मेरे घर आकर धमकी देने लगे। मेरे भाई अनीश पर दीप्ति के परिवार वालों ने दीप्ति से बलात्कार का आरोप लगाकर गगहा थाने में फर्जी मुकदमा करा दिया। जांच में गगहा थाने की पुलिस को पता चला था कि दीप्ति और अनीश की शादी को दिसंबर 2019 द्वारा अदालत की मान्यता प्राप्त है। इसके बावजूद मेरे भाई को जेल भेजने के लिए मुकदमे में चार्जशीट लगा दी गई। जिसके बाद दीप्ति और अनीश ने साथ रहने का फैसला कर लिया। 24 जुलाई को भाई अनीश की हत्या कर दी गई। जिसके पीछे दीप्ति के परिवार वालों का हाथ है।

    घटनास्थल पर वारदात :

     गोपालपुर बाजार, गोला थाना क्षेत्र (घटनास्थल)

    घटना 24 जुलाई 2021 को सुबह 10 बजे उस समय हुई जब गोला थानाक्षेत्र के उमौला गांव निवासी उरुवा ब्लाॅक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश चौधरी उर्फ पिंटू उरुवा में ही ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात अपने चाचा देवी दयाल के साथ कार से घर जा रहे थे। रास्ते में वो लोग पंकज ट्रेडर्स नामक एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान पर कुछ काम से रुके थे।

    दुकान पर अपना काम कर वो लेाग अभी बाहर निकले ही थे कि अचानक ही दो बाइक पर आए चार हमलावरों ने धारदार हथियार से उनपर ताबड़तोड़ जानलेवा हमले किये। हमलावर हेलमेट और गमछे से अपना चेहरा ढके हुए थे। बचाने की कोशिश करने में देवी दयाल पर भी हमला किया। हमले के बाद चारों हमलावर उरुवा की तरफ भाग निकले। हमलावरों की दहशत इतनी थी कि किसी ने बचाने की हिम्मत तक नहीं की। हालांकि एक हमलावर के हाथ से हमले में प्रयुक्त हथियार मौके पर गिर गया।


    हमले के बाद अनीश

    घटनास्थल पर गिरा घटना में प्रयुक्त हथियार

    अनीश के चाचा देवी दयाल

    देवीदयाल भावूक होकर बताते हैं-
    पूरी घटना मेरी आंखों के सामने हुई। मैंने भतीजे अनीश को बचाने की कोशिश की, तो हमलावरों ने मुझ पर भी प्रभार कर दिया। मुझे पूरी ज़िंदगी इस बात का अफ़सोस रहेगा कि मैं अपने भतीजे अनीश की जान नहीं बचा पाए।

    पुलिस की कार्यवाही:


    इस मामले में गोला थाना पुलिस ने अनिल चौधरी की शिकायत पर 17 नामज़द और 4 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है। एफ़आईआर में आईपीसी की धारा-302(हत्या), 307(हत्या का प्रयास), 506(जान से मारने की धमकी) और 120-बी(साजिश रचना) के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2)(V) भी लगाई गई है।

    आरोपियों में ज्यादातर अनीश चौधरी के ससुराल पक्ष से हैं। वहीं, साजिश के मामले में अनीश के गांव के भी कुछ लोगों को आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि गांव के लोगों ने ही अनीश की मुखबिरी की थी।

    एफ़आईआर में दीप्ति के पिता नलिन मिश्र और भाई अभिनव मिश्र के अलावा मणिकांत, विनय मिश्र, उपेंद्र, अजय मिश्र, अनुपम मिश्र, प्रियंकर, अतुल्य, प्रियांशु, राजेश, राकेश, त्रियोगी नारायण, संजीव और चार अज्ञात लोगों के नाम शामिल हैं।



    इस मामले में गोला पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपियों में मणिकान्त मिश्रा निवासी देवकली धर्मसेन गगहा एवं विवेक तिवारी, अभिषेक तिवारी, सन्नी सिंह यह तीनों उनौली (दुबौली) गोला के रहने वाले हैं।

     वहीं गगहा पुलिस ने तीन अभियुक्तों उपेंद्र कुमार,अजय कुमार मिश्र,नलिन कुमार मिश्र पुत्र गढ़ राम कमल मिश्रा निवासी देवकली धर्मसेन थाना गगहा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

    दीप्ति की मां ने परिजनों और रिश्तेदारों को बताया बेकसूर:


    दीप्ति की मां जानकी मिश्र ने कहा कि दीप्ति और अनीश के शादी के बाद से घरवालों ने दीप्ति के बारे में सोचना बंद कर दिया था।अनीश की हत्या से उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। उनके परिवार और रिश्तेदारों को दीप्ति एवं उसके ससुराल वालों द्वारा फंसाया जा रहा है।

    दीप्ति की मां जानकी मिश्रा कहती हैं
    हम लोगों ने दीप्ति की बेहतर परवरिश के लिए बहुत मेहनत की। उसे पढ़ा लिखा कर आपने पैरों पर खड़ा किया। लेकिन ऐसी लड़कियों को पढ़ाना-लिखाना तो दूर जन्म देना भी बेकार है। उसने मेरी कोख पर कालिख पोत दिया है। पूरे परिवार और रिश्तेदारों को बदनाम और बर्बाद कर दिया है।

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