बलुआ मंदिर पर शिव महापुराण के दूसरे दिन माता सती की कथा सुनकर श्रोता हुए भाव विभोर
कौड़ीराम, गोरखपुर। बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में चल रहे शिव महापुराण के दूसरे दिन माता सती की कथा सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए ।कथा सुनाते हुए मुकेशानंद पुरी महाराज ने कहा कि जब राम वन गमन को जा रहे थे तो भगवान शिव ने उन्हें प्रणाम किया यह देखकर माता सती को बड़ा आश्चर्य हुआ और माता सती भगवान भोलेनाथ से कहती हैं कि एक सामान्य प्राणी को आप प्रणाम कर रहे हैं तो भगवान शंकर मुस्कराकर रह जाते हैं। उसके बाद माता सती सच्चाई का पता लगाने के लिए माता सीता का भेष बदलकर भगवान राम के आगे आ जाती हैं तब भगवान राम माता सती को प्रणाम करते हैं। माता सती राम जी से उनकी सच्चाई के बारे में पूछती हैं तब भगवान राम अपने विष्णु रूप में माता सती के सामने आकर दर्शन देते हैं। तब माता सती उन्हें प्रणाम कर वापस चली जाती हैं। कथा प्रसंग में महाराज जी ने कहा कि माता कभी कुमाता नहीं हो सकती ,भले ही पुत्र कुपुत्र हो जाए। कथा सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध होकर नाचने लगे । प्रवचन शुरू होने से पहले स्थानीय पत्रकारों को महाराज जी ने अंग वस्त्र देकर आशीर्वाद प्रदान किया। पत्रकारों में विनय सेठ, कृपाशंकर राय, एनअंसारी, सत्य चरण लकी, संजय जायसवाल,अभिमन्यु राय, विनोद गुप्ता, आलोक दुबे रहे ।शिव महापुराण कथा के संयोजक गण दिनेश गोस्वामी, चुन्नू दुबे, श्रवण प्रजापति, चंदन दुबे, राजू दुबे ,अर्जुन सिंह व अन्य क्षेत्र वासी मौजूद रहे।
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