स्वतंत्रता दिवस मनाना स्वतंत्रता के इतिहास को जिंदा रखता है मिन्नत गोरखपुरी
देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। देश स्वतंत्रता दिवस के महोत्सव में डूबा है, सभी के मन में एक प्रश्न उठता है कि हर वर्ष इस राष्ट्रीय त्यौहार को क्यों बनाया जाता है?
इस पर प्रकाश डालते हुए गोरखपुर शहर के समाजसेवी साहित्यकार लेखक एवं शायर व राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ -भारत ई.मो.मिन्नतुल्लाह "मिन्नत गोरखपुरी" ने बताया कि गुलाम भारत में लोगों की बहुत ही दयनीय स्थिति थी जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। गुलाम भारत में हमारे पूर्वजों पर अंग्रेजों ने जी जो जुल्म और अत्याचार किये हैं उनका स्मरण करना मात्र से ही शरीर की रूह तक कांप जाती है। देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद कराने के लिए हमारे पूर्वजों ने लाखों कुर्बानियां दी हैं ना जाने कितने मा ओ के गोद उजाड़ दिए गये और ना जाने कितनी महिलाएं विधवा हो गई थी, कितने बच्चे अनाथ हो गए थे तब जाकर के हमें यह आजादी मिली है।
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