कन्या सुमंगला योजना पात्र लाभार्थियों का ज्यादा से ज्यादा भरवाए फार्म- सीडीओ
गोरखपुर। कन्या सुमंगला योजना ज्यादे से ज्यादे लाभार्थियों को लाभ देने के लिये विकास भवन सभागार में सीडीओ इंद्रजीत सिंह जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह बीएसए रमेन्द्र प्रताप सिंह सहित संबंधित अधिकारियों व आशा के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में अब तक 3500 लाभार्थी कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन ऑनलाइन व ऑफलाइन कर चुकी हैं सभी सम्बंधित अपने अपने क्षेत्र के गांव में ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को इस योजना का लाभ देने के लिए आशा बहनों को निर्देशित किया है कि निर्धारित अपने अपने गांव के 0 से 6 वर्ष के की बेटियों को लाभ दिलाने के लिए ज्यादा से ज्यादा आवेदन कराएं जिससे उनको कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिया जा सके कोई भी आशा लापरवाही न करें अगर जानबूझकर किसी आशा बहू द्वारा किसी लाभार्थी को लाभ नहीं दिया गया जानकारी होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी इसलिए अपने अपने निर्धारित गांव का सर्वे कर कन्या सुमंगला योजना का लाभ योग्य लाभार्थी तक पहुंचाने का आशा बहूये कार्य करें। कन्या सुमंगला योजना में कन्या के जन्म से लेकर उसके विवाह तक, छः चरणों में आर्थिक लाभ दिया जायेगा।जो भी इच्छुक परिवार इस योजना का लाभ लेना चाहतें हैं। उन्हें अपनी वार्षिक आय प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा। ऐसे में उनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।ऐसे परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। व वो अपनी कन्या का शिक्षा व अन्य खर्च नहीं उठा पा रहें हैं। उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकता है।
कन्याओं को इस योजना के तहत समाजिक सुरक्षा व शिक्षा से संबंधित जो मुश्किलें आती रही हैं। वो इस योजना से कम होंगी।
योजना के अनुसार लाभार्थी बेटी को आर्थिक रूप से 15000 रुपये तक की राशि 6 भागो में प्रदान की जाएगी।इसमें हर परिवार को अधिकतम 2 बेटी के लिए हे इस योजना का लाभ मिलेगा
अगर किसी परिवार में दूसरी डिलीवरी पर 2 और कन्या हो जाती हैं। और कुल मिला कर अब उन्हें 3 कन्या हो गई हैं। तो ऐसी स्थिति में उनकी तीसरी पुत्री को भी योजना का लाभ मिल पायेगा।
अगर कोई परिवार किसी अनाथ बच्ची को कुछ परिस्थितियों की वजह से गोद लेता है। तो ऐसी परिस्थिति में भी अधिकतम 2 कन्या के लिए ही लाभ मिलेगा। योजना अनुसार पारिवारिक आय गरीबी रेखा के अंतर्गत होनी चाहिए।सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेदभाव पूर्ण रही है। समाज में प्रचलित कुरीतियां एवं भेद-भाव जैसेः कन्या भ्रूण हत्या, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकायें/महिलायें अपने जीवन, संरक्षण, स्वास्थ एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे हैं। इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की जा रही है जो अत्यन्त आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास हेतु नये अवसर प्रदान करने के लिए यह योजना प्रारम्भ की जा रही है। इसके फलस्वरूप जहाँ एकतरफ कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के रोकथाम के प्रयासों को बल मिलेगा वहीं दूसरी ओर बालिकाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसरों की ओर बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। महिला सशक्तिकरण वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता है।
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