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    बाढ़ की स्थित को देखते हुए गोरखपुर से बलिया रवाना हुई एनडीआरएफ टीम

    गोरखपुर ।।प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश तेज  होने से गंगा यमुना और घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसी क्रम में बलिया  जिले में बाढ़ के खतरे को देखते हुए, बलिया  जिला प्रशासन की पहल पर एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम को गोरखपुर से रवाना  कर दिया गया है। टीम  में तैनात सभी जवानों को कोविड  के कारण विशेष ट्रेनिंग दी गई है ताकि जवान खुद को सुरक्षित रखते हुए बाढ़ प्रभावित गांव- गांव में लोगों तक राहत पहुंचा सके। *11वीं वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी के कमांडेंट श्री मनोज कुमार शर्मा  के निर्देशानुसार क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केंद्र गोरखपुर* की एक टीम को बलिया जिले में गंगा नदी के उफान को देखते हुए,  संभावित बाढ़ के खतरे के मद्देनजर शनिवार को गोरखपुर से बलिया के लिए  रवाना हुई । टीम  कमांडर डी. पी. चंद्रा  ने बलिया जिले के संबंधित अधिकारियों से मुलाकात  कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। बता दें कि बलिया  पहले से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहा है। यहां हर साल गंगा नदी में उफान आने से कई लोग बेघर हो जाते हैं,  ऐसी स्थिति होने पर एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुट जाती है। एक बार फिर गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ जाने के कारण तहसील सदर और बैरिया का क्षेत्र संवेदनशील बना हुआ है, संभावित बाढ़ को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को बलिया  जिले में तैनात किया गया है। टीम अत्याधुनिक बाढ़ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स व उपकरण, संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रिस्पांडर किट, डिप डाइविंग सेट, इनफ्लैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस है। *क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केंद्र गोरखपुर के डिप्टी कमांडेंट श्री पीएल शर्मा* ने बताया कि जिला प्रशासन बलिया की मांग पर गोरखपुर से एक टीम को बलिया के लिए रवाना कर दिया गया है,साथ ही साथ यह भी बताया की  इसके पहले सिद्धार्थनगर,  लखनऊ और श्रावस्ती जिले में भी गोरखपुर से एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।  उन्होंने यह भी  बताया कि गोरखपुर में भी हम लगातार जिला प्रशासन के साथ भी संपर्क में है बाढ़ से पहले एनडीआरएफ की टीम संबंधित कार्यक्षेत्र वाले जिलों में कम्युनिटी अवेयरनेस एवं कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम करती है। इसमें आम जनता व आपदा में कार्य करने वाले कर्मियों को बाढ़ से पहले की तैयारी, बाढ़ बचाव की जानकारी, अस्पताल पूर्व चिकित्सा व रेसक्यू करने का तरीका तथा अन्य सुरक्षात्मक कार्यवाहीयों के बारे में जानकारी हो तथा बाढ़ आने पर जान व माल की जोखिम को कम किया जा सके।

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