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    जालंधर व अंधकासुर के अभिमान को भगवान शिव के त्रिशूल ने किया खत्म - मुकेशानंद गिरि महाराज




     शिव महापुराण के छठे दिन की कथा में रही श्रोताओं की भारी भीड़

    कौड़ीराम, गोरखपुर। जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का फल अब हम पा रहे हैं। बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर शिव महापुराण के छठवें दिन मध्य प्रदेश उज्जैन से पधारे मुकेशानंद गिरि महाराज ने संगीतमयी भजनों द्वारा भगवान शिव की महिमा का वर्णन कर श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिया।कथा के बाद आरती और भजन के समय श्रोता झूमकर नाचने लगे। श्रोतागण हर हर महादेव के नारे लगाते हुए कथा का रसपान किये।  कथा वाचक मुकेशानन्द पुरी महराज ने छठवें दिन कि कथा का प्रसंग भगवान पशुपति नाथ कि कथा एवं अन्धकासूर के वध के बारे में विस्तार से कही। उन्होंने श्रोताओं को कथा रसपान कराते हुए कहा कि  इंसान को अहंकार व अभिमान ही बर्बाद करता है। अंधकासुर और जालंधर को बाबा भोलेनाथ ने अपने त्रिशूल से नष्ट कर दिया था। उसी प्रकार जिस इंसान के अंदर अभिमान भरा होता है उसको भी भोलेनाथ एक न एक दिन जरूर नष्ट कर देंगे। चाहे वह माया का अभिमान हो या काया का अभिमान।अभिमान ना तो रावण का चला है और नाही इंसान का चल सकता है। इस मौके पर बलुआ निवासी राजू दुबे ने बताया कि रविवार को दोपहर मे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है, जिसमें सभी भक्तों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में आकर प्रसाद ग्रहण करें। श्रोताओं मे मुख्य रूप से राजेन्द्र वर्मा, हीरालाल, विजय गुप्त,अजय पाण्डेय, अभिमन्यु राय, आलोक दुबे, विनोद यादव,राकेश वर्मा, संयोजक चुन्नू दुवे, श्रवण प्रजापति, दिनेश गोस्वामी,चन्दन दुबे, प्रमोद कसौधन एवं क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

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