माताएं अपने पुत्रों के दीर्घायु के लिए 24 घंटों से ज्यादा की रखीं निर्जला व्रत
गोरखपुर।जिवितपुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को जितिया, जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है।जितिया पर्व संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाने वाला व्रत है।जिले के सभी क्षेत्रों में बुधवार को माताएं अपने पुत्रों के लम्बी उम्र के लिए 24 घंटों से ज्यादा समय तक निर्जला यानी कि (बिना जल ग्रहण किए ) व्रत रखीं है।बताते चलें कि माताएं अपने संतान की सुख-समृद्धि के लिए अपने क्षेत्र स्थित मंदिरों में जाकर गीत, कथा एवं कहानियां कहकर पूजन अर्चन किया।
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