तेज हवा और बारिश से धान की फसल को क्षति
सहजनवा / गोरखपुर , बांसगांव संदेश, हरपुर लगातार हो रही बारिश से क्षेत्रभर के किसान प्रभावित हो रहे हैं। ऊंची भूमि पर धान लगाने वाले किसानों के लिए हो रही बारिश संजीवनी साबित हो सकती है, लेकिन निचले इलाके वाली भूमि में धान लगाने वाले किसानों के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित हो रही है। अत्यधिक बारिश व तेज हवा के कारण धान की अगेती प्रजाति के गरमा व हाइब्रिड नस्ल के सैकड़ों एकड़ में बाली लगे अर्ध पका धान को यह मौसम काफी प्रभावित कर रहा है। खराब मौसम के कारण खेतों में अर्धपका धान जमीन पर गिरकर नष्ट हो चुका है। अगेती धान लगाने वाले किसानों के मंसूबे पर पानी फिर चुका है। दुल्टही निवासी छेदी सिंह , कृष्णमुरारी, दुर्गा सिंह, नरेंद्र सिंह, उदयराज सिंह आदि किसानों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान आर्थिक संकट के बीच समय से धान की अच्छी पैदावार लेने तथा समय से अगले फसल गेहूं व अन्य तिलहन व दलहन की खेती के लिए किसी तरह कर्ज लेकर अच्छे नस्ल की अगेती धान की खेती की थी, लेकिन अचानक प्रलयंकारी मौसम के कारण धान जमीन पर गिरकर बर्बाद हो चुका है। ऐसे में किसानों की लागत पूंजी निकालना भी मुश्किल हो चुका है। वहीं कर्ज चुकाने का भी बोझ सर पर चढ़ा है। इसके अलावा बाली निकलने वाले लहलहाते धान की फसल में भी अधिक पानी लग जाने से बर्बादी की आशंका जताई जा रही है। बारिश से अगली फसल पर भी पड़ेगा प्रतिकूल असर सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में अचानक मौसम खराब होने तथा अधिक बारिश से किसानों के बीच समस्या उत्पन्न हो चुकी है। किसानों ने बताया कि अत्यधिक बारिश से खेतों में लबालब पानी भर चुका है। खेतों से नमी कम होने में काफी समय लग सकता हैं। ऐसे में गेहूं, तिलहन, दलहन आदि अगेती फसल के अलावा साग सब्जी की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। जिसका खमियाजा आम किसानों को भुगतना पड़ सकता है।
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