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    कर्बला का पैग़ाम सच व हक को झुकाया और मिटाया नहीं जा सकता : कारी रहमत

    ज़िक्रे हुसैन हर दौर में हुआ, हर दौर में होगा : नायब काजी

    कर्बला का पैग़ाम सच व हक को झुकाया और मिटाया नहीं जा सकता : कारी रहमत
    मौलवी चक बड़गो में जलसा

    गोरखपुर। नौज़वान कमेटी की ओर से मौलवी चक बड़गो में मंगलवार देर रात 'जिक्रे इमामे हुसैन' जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफ़िज़ शहनवाज़ ने की। नात व मनकबत मौलाना मोहम्मद उस्मान बरकाती व मौलाना तालीम रज़ा निज़ामी ने पेश की। 

    मुख्य अतिथि नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि ज़िक्रे हुसैन हर दौर में हुआ है और हर दौर में होगा क्योंकि इससे हमें प्रेरणा मिलती है सत्य की राह पर चलने की और ईमान ताज़ा हो जाता है। हमें हज़रत सैयदना इमाम हुसैन के बताए रास्ते पर चलना चाहिए क्योंकि इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में हक पर सारे परिवार की क़ुर्बानी देकर दीन-ए-इस्लाम को बचाया। 

    विशिष्ट अतिथि कारी रहमत अली ने कहा कि कर्बला की दास्तान बताती है कि हमेशा जीत सत्य की ही होती है। पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के छोटे नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन ऐसे खुदा परस्त थे, जिन्होंने जालिम यजीद के बहाने दुनिया को यह पैग़ाम दिया कि हक को झुकाया और मिटाया नहीं जा सकता है। कर्बला की जंग से इंसानों को सीख लेने की जरूरत है। 

    अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में भाईचारे, खुशहाली व तरक्की की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में शोएब रज़ा, कारी मोहम्मद अनस रज़वी, तबरेज आलम, शहबाज अली, शहजाद आलम, फैसल, अरमान अली, शानू, जुबैर अली, जियाउल्लाह खान अादि मौजूद रहे।

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