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    विनय सरोज के थानेदार के पद पर बने रहते निष्पक्ष जांच सम्भव नही : पण्डित विष्णु

    *अपडेट : राजघाट थानेदार द्वारा पण्डित जी की पिटाई करने का मामला*

    *विनय सरोज के थानेदार के पद पर बने रहते निष्पक्ष जांच सम्भव नही : पण्डित विष्णु*

    *जनता दरबार में सीएम योगी से लगाएंगे गुहार*

    विगत दिनों राजघाट के थाना प्रभारी विनय कुमार सरोज पर रीड साहब धर्मशाला के अंदर कोठरी नम्बर 42, मूलनिवासी दक्खिन टोला, बांसगांव के पण्डित विष्णु शंकर त्रिपाठी ने।गाली गलौच करने, मारने पीटने व जबरन मकान खाली कराने का आरोप लगाया।
    इस मामले की जांच एसएसपी गोरखपुर ने राजघाट थाना प्रभारी  को उनके पद पर बरकरार रखते हुए एसपी साउथ को सौंपी। हालांकि जांच से विष्णु सन्तुष्ट नही दिखे।

    अवधनामा की पड़ताल में निम्न तथ्य सामने आए।

    जब मामले की पडताल किया तो पता चला कि रीड साहब के धर्मशाला के अंदर 42 नम्बर कोठरी पर बृजेन्द्र सिंह का कब्ज़ा है। 

    बृजेन्द्र सिंह रेलवे के रिटायर्ड कर्मी हैं। इन्होंने विष्णु शंकर त्रिपाठी को 4 हजार प्रतिमाह पर 42 नम्बर कोठरी किराये पर दिया था।

    विष्णु शंकर त्रिपाठी का कहना है कि विधुत बिल का बकाया लगभग 18 हज़ार दो किश्तों में उन्होंने ऑनलाइन जमा किया। उन्होंने किराये और बिल से सम्बंधित एक काल रिकार्डिंग भी सुनाई।

    विष्णु शंकर त्रिपाठी का कहना है कि राजघाट के थानेदार के पद पर बने रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है उन्होंने आरोप लगाया कि जब मेरा मेडिकल कराने के लिए जांच अधिकारी एसपी साउथ में मुझे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भेजा तो वहां पर एस्ट्रो राजघाट विनय कुमार सरोज ने पहुंचकर मुझे लाने वाले पुलिस स्टाफ से वार्ता किया इसके बाद वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी द्वारा जांच रिपोर्ट की फोटो खींचकर किसी को सेंड किया गया।

    विष्णु शंकर त्रिपाठी बांसगांव थाना क्षेत्र के निवासी हैं उनका कहना है कि आज तक किसी भी थाने में मेरे खिलाफ ना तो की कोई केसु और ना कभी खाने पर बुलाया गया ऐसा पहली बार हुआ जब न सिर्फ थाने पर बैठाया गया बल्कि मुझे पीटा भी गया।

    विष्णु शंकर त्रिपाठी के बारे में मिली जानकारी के अनुसार वह 2014 से गोरखपुर शहर में रहते चले आये हैं और 2014 में गोरखनाथ मन्दिर से आचार्य की डिग्री हासिल करने के बाद लोगों के यहां पूजा पाठ सम्पन्न कराने लगे। कुछ पुरानी तस्वीरों को भी उन्होंने दिखाया।

    लॉकडाउन में जब जिंदगी पूरी तरह ठहर गई थी और धार्मिक स्थलों पर भी ताले लग गए थे ऐसे समय में विष्णु शंकर त्रिपाठी ने आजीविका के लिए सब्जियों का व्यापार करने लगे थे।

    विष्णु शंकर त्रिपाठी का कहना है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला और थाना प्रभारी अपने पद पर बने हुए हैं शुक्रवार को उन्होंने पूरे प्रकरण की शिकायत जनता दरबार में सीएम योगी से करने की बात कही है।

    बहरहाल वीडियो क्लिप और कोर्ट से जुड़े पेपर मौजूद होने बाद भी न जाने क्यो न्याय का गला घोंटा जा रहा है और सब मौन हैं।

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