बिल में गड़बड़ी बर्खास्तगी के बाद अब मुकदमा भी होगा दर्ज, इन पर हो चुकी है कार्रवाई
*गोरखपुर*/ जिले में ऊर्जा निगम ने पिछले दिनों बिजली निगम बक्शीपुर खंड में बिल सुधार के नाम पर घालमेल के आरोपों में 5 लोगों पर कार्रवाई की थी। अब उन्हीं बिलों के रिकॉर्ड गायब होने पर रख-रखाव में लापरवाही बरतने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस संबंध में ऊर्जा निगम की तरफ से मुख्य अभियंता को पत्र भेजा गया है। जल्द ही केस दर्ज कराने के लिए संबंधित थाने में तहरीर दी जाएगी।
वर्ष 2016 में बक्शीपुर खंड के अधिशासी अभियंता, लेखाकार समेत अन्य लिपिकों ने सैकड़ों कनेक्शनों के बिजली बिल में सुधार के नाम पर लाखों रुपये का बकाया ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम से माफ कर दिया। तीसरी आंख संगठन की तरफ से इस संबंध में बिलों में की गई गड़बड़ी, उपभोक्ताओं के कनेक्शन नंबर के साथ अन्य प्रमाण के साथ शिकायत की गई थी। इसका संज्ञान लेकर कारपोरेशन ने पूरे मामले की जांच कराई। रिपोर्ट मिलने पर कारपोरेशन ने 23 बिजली बिल में सुधार की जांच दोबारा कराने को मुख्य अभियंता को निर्देश दिए, ताकि निगम को लगी चपत का वास्तविक आकलन हो सके।
तत्कालीन मुख्य अभियंता ने दो अफसरों की कमेटी बनाई। कमेटी ने जांच कर 540 पेज की रिपोर्ट दी, जिसमें लिखा की 23 बिजली बिलों में वर्ष 2012 के दस्तावेज को आधार बनाकर उपभोक्ताओं को लाभ दिया गया। यह दस्तावेज खंडीय कार्यालय से गायब है। ऐसे में बिल सुधार के नाम पर आर्थिक क्षति का आकलन संभव नहीं है। मुकदमा दर्ज कराने के आदेश आने के बाद संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
अभियंताओं के मुताबिक, उस समय ऊर्जा निगम की टीम आई थी। जांच के दौरान खंड कार्यालय में अभिलेख नहीं मिले थे। उन्हीं अभिलेखों के रख रखाव में लापरवाही किए जाने पर ऊर्जा निगम की तरफ से मुकदमे दर्ज किए जाने का निर्देश आया है। उलझन यह है कि आखिर जिनपर कार्रवाई की गई थी, उन पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा या रिकार्ड के रखरखाव में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी। मुख्य अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पावर कारपोरेशन ने बक्शीपुर मामले में मुकदमे की कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है। इस संबंध में अधिशासी अभियंता बक्शीपुर को निर्देशित किया गया है।
बिजली बिल धांधली मामले में तत्कालीन अधिशासी अभियंता बक्शीपुर आरसी पांडेय, लेखाकार और बिल लिपिक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो कर्मचारियों की सेवा बर्खास्त करने के साथ अधिशासी व अवर अभियंता और लिपिक पर पेनाल्टी व इंक्रीमेंट बैक किया गया है। जांच अभी चल रही है। चार अभियंता व चार कर्मचारी रडार पर हैं।
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