नव निर्वाचित प्रधानों के एक दिवसीय परिचयात्मक प्रशिक्षण हुआ संपन्न...
देवरिया पंचायती राज विभाग के तत्वाधान में नव निर्वाचित प्रधानों के एक दिवसीय परिचयात्मक प्रशिक्षण के प्रथम बैच को संबोधित करते हुए सदर विधायक डॉ सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से ही आम जनमानस तक सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन होता है पंचायत की प्रथम कड़ी के रूप में ग्राम पंचायत होती है, ग्राम प्रधानों को अपने कर्तव्य और अधिकारों को समझते हुए भेदभाव रहित होकर ग्राम पंचायतों में कार्य करने की आवश्यकता है। 73वें संविधान संशोधन में ग्राम पंचायतों को बहुत से अधिकार मिले हैं जिनके माध्यम से ग्राम पंचायतों का सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है लेकिन उससे पहले आवश्यकता है कि सभी प्रधान प्रशिक्षण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें तथा प्रशिक्षण में दी गई जानकारियों के माध्यम से अपने ग्राम पंचायतों के विकास की योजना बनानी सुनिश्चित करें। खंड विकास अधिकारी श्री कृष्ण कांत राय ने कहा कि प्रशिक्षण एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से ज्ञान में वृद्धि होती है इसलिए प्रत्येक प्रशिक्षण की अपनी महत्ता है 73 वा संविधान संशोधन ग्राम पंचायतों के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिसमें महिलाओं को के सशक्तिकरण हेतु उनके लिए सीटें आरक्षित की गई साथ ही वंचित एवं पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की गई जिससे कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में उनकी सहभागिता सुनिश्चित हो सके और गांवों का सर्वांगीण विकास हो सके। प्रशिक्षण के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए प्रशिक्षक राज्य प्रशिक्षक अजीत तिवारी ने ग्राम सभा, ग्राम पंचायत तथा उनकी समितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी पंचायत की समितियां उनके आंख, कान और नाक हैं, इसलिए समितियों को सक्रिय रखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है। उन्होंने समितियों के स्वरूप आरक्षण व्यवस्था ग्राम पंचायतों तथा ग्राम सभा की बैठक कार्यवाही कोरम सूचना जैसे विषयों पर उपस्थित ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दिया। साथ ही ई गवर्नेंस तथा डोंगल के उपयोग के संदर्भ में भी उपस्थित प्रधानों को विस्तार से जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षक लव कुश विश्वकर्मा ने सतत विकास लक्ष्य तथा पंचायती राज व्यवस्था के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन में जो 17 विकास के लक्ष्य दिए गए ,यदि उन लक्ष्यों को परीणित कराना है। तो उसका सबसे बेहतर माध्यम ग्राम पंचायत ही होती हैं। प्रशिक्षिका सरोज लता मिश्रा ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनने वाले शौचालय, उनके उपयोग ,सोख्ता गड्ढा के निर्माण ,उनके मानक उनकी उपयोगिता दूषित जल के निकास पेयजल के रखरखाव के संदर्भ में उपस्थित प्रधानों को जानकारी प्रदान किया। साथ ही उन्होंने मॉडल ग्राम पंचायत तथा ग्राम पंचायतों को मिलने वाले पुरस्कारों के संदर्भ में भी उपस्थित प्रधानों को जानकारी प्रदान किया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान सुशील यादव फणिद्र नाथ त्रिपाठी, सिंटू गॉड धर्मराज जी देवी, तेज प्रताप यादव इद्रीस अंसारी समेत 45 ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं
thanks for comment...