प्रशासन पर भारी मिट्टी माफिया, बिना परमिशन हो रहा खनन
..... नायब तहसीलदार के द्वारा पकड़ी गयी गाड़ी अगले दिन फिर खनन लगी।
.... उपजिलाधिकारी को नहीं पता कहां गयी गाड़ियां।
गोला थाना क्षेत्र मिट्टी माफियाओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बना गया है। आये दिन किसी न किसी गांव में अवैध रूप से खनन कार्य होता है। प्रतिदिन जेसीबी ट्रैक्टर ट्रालियों से मिट्टी निकाली जा रही हैं। प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है।
अवैध खनन के चलते हर रोज राजस्व की क्षति हो रही है। हालांकि भूतल एवं खनन विभाग का स्पष्ट आदेश है कि बगैर परमिशन और रायल्टी जमा किए बिना मिट्टी का खनन नहीं किया जा सकता किन्तु यह आदेश यहां बेरोकटोक मिट्टी खनन कर रहे माफियाओं के लिए कोई मायने नहीं रखता हैं। हालांकि उपजाऊ भूमि से अवैध मिट्टी खनन को रोकने के लिए जिलाधिकारी के अलावा तहसील स्तर पर तैनात उप जिलाधिकारी तहसीलदार और संबंधित थाने को भी जिम्मेदारी दी गई है। बावजूद इसके आखिरकार किसकी शह पर यह खेल चल रहा है यह सोचनीय विषय है। सूत्रों की माने तो थाने क्षेत्र में प्रतिदिन दर्जनों टैक्टर ट्रालियों से बेरोकटोक हो रही खनन पुलिस, प्रशासन व मिट्टी माफियाओं के त्रिकोण से ही संभव है।
*प्रशासन की भूमिका संदिग्ध*
25 दिसंबर की रात नायब तहसीलदार गोला ने अवैध खनन की सूचना पर जेसीबी और तकरीबन 6 मिट्टी लदी ट्रैक्टर ट्राली को खनन वाली जगह से पकड़ा लेकिन रात में केवल तीन ट्राली तहसील में लाई गयी। अन्य वाहनों को वहीं छोड़ दिया गया। हद तो तब हो गयी जब उन तीनों ट्रालियों को 26 दिसंबर के रात में छोड़ दिया गया।
गाडियों के छूटने का कारण पूछने पर उपजिलाधिकारी गोला विनय पाण्डेय ने बताया कि हमें जानकारी नहीं है। अवैध खनन करने वालों पर कार्यवाई होगी। बिना परमिशन के खनन नहीं होगा।
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