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    बुद्धिजीवी बोले अल्पसंख्यक खुद से मजबूत हों, अधिकारों के प्रति बेदारी जरूरी

    बुद्धिजीवी बोले अल्पसंख्यक खुद से मजबूत हों, अधिकारों के प्रति बेदारी जरूरी 

    -अल्पसंख्यक अधिकार दिवस

    गोरखपुर। अल्पसंख्यकों के हक़ हुकूक की बात हुई। सरकार द्वारा संचालित सामाजिक, आर्थिक, शौक्षिक योजनाओं पर रोशनी डाली गई। अल्पसंख्यक समुदाय ने अपनी समस्या बयां की। समाधान का आश्वासन मिला। मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाले प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं। 

    एमएसआई इंटर कॉलेज बक्शीपुर के सभागार में शनिवार को मौका था जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से आयोजित अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम का। सभी ने बेबाकी से रखी राय। अल्पसंख्यकों के सर्वांगीण विकास औेर उनके उत्थान के लिए खुलकर बात हुई। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने भी अपनी समस्याएं उठाईं।

    मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने कहा कि सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हित में तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसका लाभ अल्पसंख्यक समुदाय को मिल रहा है। अल्पसंख्यकों को खुद से भी अपनी कमजोरियों को दूर करना है। हमें सिर्फ सरकार पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। अपने कंधों को मजबूत करें। अल्पसंख्यक समुदाय अच्छी शिक्षा हासिल कर समाज व देश के विकास में योगदान दे। 

    विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के सदस्य इफ्तेखार हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यकों का जो हक़ था वह सरकार ने देने की पूरी कोशिश की है। यह अधिकार दिवस न होता तो हम अपनी बात कहीं नहीं रख पाते। जो आपकी समस्या है हमें लिखकर दें। हम सरकार से समाधान करवायेंगे। अल्पसंख्यकों में अपने अधिकारों के प्रति बेदारी (जागरूकता) नहीं है। उन्हें अपने हक़ व हुकूक के लिए बेदार होना पड़ेगा।

    जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने कहा कि सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं सभी अच्छी हैं। योजनाओं सेे अधिक से अधिक लोगों को अच्छे नियत से लाभान्वित किया जा रहा है। 

    विशिष्ट अतिथि नायब क़ाज़ी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक में इल्म और आलिम (ज्ञान और ज्ञानी) को अत्यधिक महत्व दिया गया है। क्योंकि यह इल्म (ज्ञान) ही है जो इंसान को अज्ञानता के अंधकार से बाहर निकालता है और मानवता का पराकाष्ठता की ओर मार्गदर्शन करता है। अल्पसंख्यक समुदाय को अपने हक़ हकूक के लिए बेदार होना पड़ेगा। तालीम के क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा। जब तक हम खुद नहीं बदलेंगे तब तक हमारे हालात नहीं बदलने वाले।

    मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के प्रबंधक हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना, मदरसा मिनी आईटीआई, वक्फ सम्पत्ति व मस्जिद का मामला उठाया। 

    सरदार बलबीर सिंह ने कहा कि  जो भी योजनाएं चल रही है। उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। सभी अल्पसंख्यक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।

    एमएसआई इंटर कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस ने भारतीय संविधान के तहत दिए गए अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर रोशनी डाली। 

    कार्यक्रम की शुरूआत क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से कारी नसीमुल्लाह ने की। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने विभिन्न योजनाओं पर रोशनी डाली। संचालन सैयद जफ़र हसन ने किया। अतिथियों का स्वागत मोमेंटो, शॉल व पुष्प गुच्छ देकर किया गया। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा पुरस्कृत युवा सहाफी मोहम्मद आतिफ आज़मी को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

    कार्यक्रम में मुफ्ती-ए-शहर मुफ्ती अख्तर हुसैन, विष्णु प्रकाश राय, राम करन कनौजिया, शमीम अहमद खां, मोहम्मद फैज़ान, शाहनवाज अहमद, मो. नदीम, विनय, मो. आशिक, जगत नारायण यादव, रामचरित्र, दिनेश शर्मा, राजकुमार यादव, समाजसेवी आदिल अमीन, अमित रॉबर्ट, अनूप बरनाबास,  राम चरन बौद्ध, रेव्ह डी.आर. लाल, एमएसआई के प्रधानाचार्य ज़फ़र अहमद खान, मौलाना नूरूज्जमा मिस्बाही, हाफ़िज़ महमूद रजा क़ादरी, कारी अनीस, हाफ़िज़ नज़रे आलम क़ादरी, डॉ. रफीउल्लाह बेग, नवेद आलम, मो आज़म , मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, मौलाना मो. इदरीस, मुफ्ती मेराज, मौलाना मसरूफ़‌, इरफान खान, सूफी निसार, मिनहाज सिद्दीकी, मास्टर मुख्तार अहमद सहित तमाम मदरसों के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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