खुले आकाश के तले पढ़ने व पढ़ाने को विवश है शिक्षक व छात्र
भवन गिरे तीन वर्ष बीत चुका है लेकिन अभी तक नही बना भवन
*बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह* इस तरह के कई विद्यालय हैं जिन का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है फरवरी-मार्च तक बजट आएगा तो बन जाएगा।
खण्ड बेसिक शिक्षा अधिकारी मिनहाज आलम* ने बताया कि नविन भवन हेतु प्रस्ताव बना कर उच्चाधिकारियों को दे दिया गया है।
लिखितसूचना कई बार दे चूका हूं। लेकिन अभीतक भवन निर्माण नही हो सका : *प्रधानाध्यापक अवधेश उपाध्याय*
गोलाबाजार गोरखपुर 24 दिसम्बर
गोला तहसील के विकास खण्ड गगहा स्थित प्रा वि कुसहा को देख कर गुरुकुल प्रणाली के विद्यालय की याद ताजा हो जाती है।
इस विकास खण्ड का यहसबसे पिछड़ा गांव था। जो उसर क्षेत्र में है। 19 88-95 में विकास खण्ड गगहा के पुर्व ब्लाक प्रमुख रहे स्व बाबू बलराम चन्द ने इस गांव के लिए प्रा वि पास कराया और विद्यालय बना ।यहां हर साधन से सुसज्जित पांच कमरा था जिसका बहुसंख्यक हिस्सा विगत सन् 2018 में गिर चुका है।कमरे के नाम पर कीचन बचा है। वह भी टपक रहा है।बारिश में एक बुद बाहर नही जाता है। यह भी गिरने के कगार पर है।
इस विद्यालय पर तीन शिक्षक, प्रधानाध्यापक अवधेश उपाध्याय, स अ ऋषिश्वर मणि तिवारी और शिक्षा मित्र श्रीमती बसुंधरा देवी न्युक्त है। यहां कुल छात्रों की संख्या 55 है। सारे विद्यालयों की तरह यह भी विद्यालय प्रति दिन खुलता है, लेकिन प्राचीन काल की याद दिलाता हुआ गुरुकुल की तरह एक पेड़ के निचे है।
यहां के प्रधानाध्यापक अवधेश उपाध्याय बताते हैं कि हमने अनगिनत बार लिखित और मौखिक विद्यालय नविनिकरण के लिए बीआरसी पर दे चुका हूं। लेकिन आज तक सुनवाई नही हुई। अब तो हम कहना भी छोड़ दिए। उन्होंने यह भी बताया कि इसी विद्यालय के साथ गड़ही प्रा वि गिरा था जो कब का बन चुका है। लेकिन यह वैसे ही पड़ा है। हम लोग विवश हो कर बाग में बच्चों को पढ़ाते हैं। दिक्कत वर्षात के मौसम में होती है। उन दिनों हम गांव के एक पंडित जी के घर पर बच्चों को लेकर चले जाते हैं। वही पठन पाठन कराते हैं। रही बात रजिस्टर की तो कुछ किचन में और कुछ घर पर रखते हैं। यह हमारी विवशता है।
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